भारतीय कंपनियों की ग्लोबल होती छवि ने भारत के शेयर बाजार को भी चमका दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी ने दुनिया की तमाम कंपनियों को भी भारतीय शेयर बाजारों में खुद को सूचीबद्ध कराने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे में शेयर मार्केट का कारोबार तेजी से बढऩे से इसमें भारी संख्या में जॉब के अवसर पैदा हुए हैं। शेयर बाजार में भले ही उतार-चढ़ाव आता रहता हो, लेकिन जॉब के नजरिए से यह क्षेत्र लगातार बुलंदी की ओर जा रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से प्राय: हर क्षेत्र में तरक्की कर रही है। पहले जहां विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियां भारतीय कंपनियों का अधिग्रहण करती थीं, वहीं अब इसका उलटा दिखाई दे रहा है। अब भारतीय कॉर्पोरेट कंपनियां (जैसे-मित्तल स्टील, टाटा, इन्फोसिस, विप्रो, रिलायंस आदि) तेजी से अपनी मल्टीनेशनल छवि बना रही हैं। इस क्रम में वे दुनिया की दिग्गज कंपनियों तक का अधिग्रहण कर रही हैं।
बिजनेस संबंधी गतिविधियां बढऩे से स्टॉक मार्केट की सरगर्मी भी बढ़ रही है और इससे संबंधित काम-काज मेट्रो शहरों के अलावा ग्रेड-बी सिटीज में भी तेजी से फैला है। लोगों में शेयर में पैसा लगाने की बढ़ती प्रवृत्ति इस कदर बढ़ रही है कि अब बड़ी कंपनियों के पब्लिक इश्यूज मार्केट में आते ही कुछ ही घंटों में ओवर सब्सक्राइब हो जाते हैं। पहले जहां शेयर मार्केट में सिर्फ बड़े निवेशक ही पैसा लगाते थे, वहीं अब आम लोग भी तेजी से पैसा बनाने के लिए भारी तादाद में निवेश करने लगे हैं।
शेयर बाजार की गतिविधियां बढऩे से इस क्षेत्र में स्टॉक ब्रोकर्स, कैपिटल मार्केट एक्सपट्र्स, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट्स, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट, इंवेस्टमेंट व फाइनेंशियल प्लानर्स, फाइनेंशियल स्पेशलिस्ट आदि की मांग खूब बढ़ गई है। इस बाजार में फाइनेंशियल लेखे-जोखे और अकूत पैसों का काम होने के कारण इन सभी प्रोफेशनल कार्यों के लिए कमाई भी खूब होती है। यही कारण है कि सक्षम युवा इस क्षेत्र के प्रति तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। खास बात यह है कि युवा ग्रेजुएशन के बाद स्टॉक मार्केट से संबंधित कोई भी कोर्स करके स्टॉक ब्रोकिंग फर्म से जुड़ सकते हैं। दो साल का अनुभव हासिल करने के बाद वे अपना काम भी शुरू कर सकते हैं। सब-ब्रोकिंग का काम बारहवीं पास युवा भी कुछ अनुभव हासिल करने के बाद कर सकते हैं।
क्या है स्टॉक मार्केट?
स्टॉक एवं शेयर सरकारी और निजी कंपनियों द्वारा जनता से पैसा जुटाने का एक माध्यम है, जबकि स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा मार्केट है, जहां स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट्स सिक्युरिटीज, बॉन्ड्स आदि लोगों व संस्थाओं को बेचते तथा खरीदते हैं। दो दशक पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) देश का पहला और एकमात्र स्टॉक एक्सचेंज था। नेशनल स्टॉक एक्सचेेज (एनएसई) की स्थापना 1994 में दिल्ली में हुई थी, जो देशभर के निवेशकों को कारोबार करने की सुविधा प्रदान करता है। आज स्टॉक एक्सचेंज करीब-करीब देश के सभी महानगरों में हैं।
इसके अलावा ग्रेड-बी शहरों से भी शेयर का कारोबार होता है। इनमें कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ आदि में स्थित एक्सचेंज प्रति दिन करोड़ों-अरबों का कारोबार करते हैं। दिल्ली में दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज भी है। इसके अलावा छोटे शहरों में भी सब-ब्रोकर शेयरों की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। इस तरह मुंबई से लेकर छोटे शहरों तक इस कारोबार के फैलने के चलते इन सभी जगहों पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। अगर आप अपने शहर या उसके पास ही स्टॉक मार्केट से संबंधित काम करना चाहते हैं, तो अब यह विकल्प भी आपके पास है। इसके लिए मुंबई और दिल्ली जाना जरूरी नहीं है।
तरह-तरह के हैं काम
स्टॉक मार्केट में वित्तीय लेखे-जोखे, रिसर्च और बाजार के आकलन से जुड़े तमाम तरह के काम हैं। आइए डालते हैं इन पर एक नजर, ताकि आप इनमें से अपनी पसंद के कामों को जान और समझ सकें...
स्टॉक ब्रोकर्स
इनका काम इस मार्केट का सबसे बड़ा काम है, जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की जरूरत होती है। दरअसल, स्टॉक बोकर्स और कैपिटल मार्केट एक्सपट्र्स क्वालिफाइड विशेषज्ञ होते हैं, जो शेयरों की खरीद और बिक्री के बारे में सलाह देते हैं। इस तरह का सलाह देने वाली ब्रोकिंग कंपनियां भी होती हैं, जहां इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट्स, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट्स और अन्य प्रोफेशनल्स काम करते हैं।
कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट
ऐसे विशेषज्ञ आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स और फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट कंपनियों में काम करते हैं। ये सामान्यतया मार्केट में उभरते ट्रेंड पर नजर रखते हुए पूंजी निवेश संबंधी सलाह देते हैं।
सिक्युरिटी एनालिस्ट
सिक्युरिटी एनालिस्ट इनवेस्टमेंट एडवाइजर के रूम में ब्रोकरेज फर्मों, बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों तथा अन्य बड़ी वित्तीय संस्थाओं में मार्केट और इंडस्ट्री के बारे में सही-सटीक जानकारी के लिए नियुक्तकिए जाते हैं। इस तरह का काम आमतौर पर इकोनॉमिक्स या कॉमर्स ग्रेजुएट करते हैं।
इनवेस्ट मैनेजर्स
यह आर्थिक नीतियों के आलोक में इंडस्ट्री की प्रगति का आकलन और मॉनिटरिंग करते हैं।
सिक्युरिटी रिप्रेजेंटेटिव
अधिकांश फम्र्स सिक्युरिटी रिप्रेजेंटेटिव की नियुक्ति करती हैं, जो नए ग्राहकों का अकाउंट खोलने और शेयरों की खरीद तथा बिक्री के बारे में जरूरी जानकारी मुहैया कराते हैं।
मार्केटिंग ऐंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव
इंस्टीट्यूशनल अकाउंट्स खोलने, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स आदि की बिक्री के लिए मार्केटिंग और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव भी नियुक्त किए जाते हैं।
खुद बन सकते हैं ब्रोकर
प्रोफेषनल क्वालिफिकेशन प्राप्त करने के बाद आप स्टॉक ब्रोकिंग फर्म या स्टॉक एक्सचेंज ज्वाइन कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ अनुभव हासिल करने के बाद आप अपनी फाइनेंशियल एजेंसी या ब्रोकिंग या सब-ब्रोकिंग फर्म भी चला सकते हैं। किसी स्टॉक एक्सचेंज में एक ब्रोकर के रूप में मेंबरशिप लेने के लिए मेंबरशिप फीस के अलावा सिक्युरिटी डिपाजिट देनी होती है, जो समय-समय पर बदलती रहती है। इसके अलावा सिक्युरिटी मार्केट में काम करने का कम से कम दो साल का अनुभव भी होना चाहिए।
कुछ खास हो क्वालिटी
इस क्षेत्र में प्रवेश करने की चाहत रखने वाले युवाओं में स्टॉक एक्सचेंज और मनी मार्केट की बारीकियों तथा वित्तीय लेन-देन की समझ होना बेहद जरूरी है। देश के अलग-अलग एक्सचेंजों में अलग-अलग नियम हैं, ऐसे में उन सभी के कार्य करने के तरीके को समझना भी जरूरी है।
कैसे पाएं एंट्री?
वैसे तो कॉमर्स या इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट इस फील्ड में आसानी से एंट्री पा सकते हैं, लेकिन अच्छा काम करने और तरक्की के लिए उन्हें स्टॉक मार्केट से संबंधित कोर्स भी कर लेना चाहिए। बड़ी ब्रोकिंग कंपनियां उन एमबीए डिग्री धारी युवाओं को प्राथमिकता देती हैं, जिन्होंने फाइनेंस में स्पेशलाइजेशन किया हो। वैसे, उन्हें भी वरीयता दी जाती है, जो पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ कैपिटल मार्केट, स्टॉक्स और सिक्युरिटी या फाइनेंशियल मैनेजमेंट से संबंधित कोई अन्य कोर्स किए होते हैं।
कैपिटल मार्केट, स्टॉक्स और सिक्युरिटीज में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम देश के कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों और संस्थानों में उपलब्ध है, जबकि कॉमर्स और इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है। स्टॉक मार्केट में एक रिसर्चर के रूप में काम करने के लिए वित्तीय मामलों की गहन जानकारी होनी चाहिए। फाइनेंस क्षेत्र में इक्विटी रिसर्च का काम बेहद विशेषज्ञता वाला है, जिसके लिए फाइनेंस में एमबीए या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मांग की जाती है।
कहां हैं काम?
अगर आप स्टॉक मार्केट में करियर बनाने के इच्छुक हैं और आवश्यक योग्यता हासिल कर चुके हैं, तो फिर इस क्षेत्र में आकर्षक जॉब आपका इंतजार कर रहा है। आप अपनी पसंद और योग्यता के अनुसार इस फील्ड में कई जगहों पर प्रयास कर सकते हैं, जैसे-स्टॉक एक्सचेंज, सिक्युरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, इनवेस्टमेंट बैंक्स आदि। इसके अलावा आप अपनी फाइनेंशियल कंसल्टिंग कंपनी भी खोल सकते हैं।
कमाई है आकर्षक
स्टॉक मार्केट और इससे जुड़े क्षेत्रों में कमाई बेहद आकर्षक है। कॉमर्स या इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट्स को इस क्षेत्र में शुरुआत में ही 10 से 15 हजार रुपये की मासिक आमदनी हो सकती है, जबकि पोस्टग्रेजुएट्स की कमाई इससे ज्यादा हो सकती है। कैपिटल मार्केट स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएट्स की आरंभिक कमाई 20 से 25 हजार प्रतिमाह हो सकती है। अनुभव बढऩे के साथ इनकम में बढ़ोत्तरी होती जाती है। कुछ कंपनियां अपने प्रॉफिट में से भी कर्मचारियों को शेयर करती हैं।
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