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Tuesday, September 21, 2010

सर्फिंग के दौरान सावधानी रखिये नहीं तो हो सकता है नुकशान

नेट सर्फिंग के दौरान अक्सर आपका सामना अवांछित ऑफर्स से हो ही जाता है। इतना ही नहीं चैटिंग के दौरान भी चीटिंग करने वाले फालतू मेल भी आते रहते हैं। लेकिन इनसे सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो दोस्ती करने, कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करने या लुभावने ऑफर के साथ वायरस भी आ धमकते हैं। इस तरह के मेल से आए वायरस आपके कम्प्यूटर काम तमाम कर सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप नेट सर्फिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें...

  •  नेट इस्तेमाल के दौरान अगर कोई आपको फालतू की चीजें मेल करे, तो खोलने या जवाब देने से परहेज करने के अलावा ऐसे मेल या ऐप्लिकेशंस को आप ब्लॉक भी कर सकते हैं। अनजाने ईमेल के साथ आए अटैचमेंट के रूप में ही सबसे ज्यादा वायरस आने का खतरा रहता है। आजकल कई ऐसे सॉफ्टवेयर हैं, जो अवांछित मेल को रोकते हैं। ऐसे सॉफ्टवेयर अपने कंप्यूटर पर लोड करके उसे खतरों से बचाया जा सकता है। वैसे कई ई-मेल प्रोवाइडर भी यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
  • नेट सर्फिग के दौरान सुरक्षित रहने का एक जरूरी मंत्र यह है कि अपने पूरे नाम, सही पते, फोन नंबर और बैंक खाते से संबंधित सूचना नए और अनजान मित्रों से शेयर न करें। अपने फोटोग्राफ को भी सीमित दायरे में इस्तेमाल की छूट दें। नेट पर बने किसी भी मित्र से पहली मुलाकात अकेले न करें। इसमें कोई खतरा हो सकता है।
  • इन दिनों बहुत सी साइट्स आपसे पुरस्कार, सर्वेक्षण, रजिस्ट्रेशन के बहाने निजी सूचनाएं और ईमेल का पासवर्ड मांगती हैं, इनसे चौकस रहें। दरअसल, इसमें बहुत सी ऐसी हैं जो ईमेल डाटा एकत्र कर विज्ञापनदाताओं को बेचती हैं। ऑनलाइन शापिंग के कारोबार से जुड़ी साइट्स भी ऐसा करती हैं। इनसे सावधान रहने में ही भलाई है। एमएसएन के एक सर्वे के मुताबिक, यूरोप के 51 परसेंट टीनएजर्स बिना सोचे समझे साइट खंगालते हैं। इसके लिए यूरोप के 14 से 19 साल के बीच के 20 हजार युवाओं के बीच किए गए सर्वे से यह बात सामने आई है। 
  • नेट इस्तेमाल में खतरों को देखते हुए गूगल बज और फेसबुक सहित कई सोशल साइटों ने जानकारी को सीमित आधार पर शेयर करने का विकल्प अपने उपभोक्ताओं को दिया है। नेट पर सुरक्षित रहने के मामले में इंटरनेट एक्सप्लोरर ही आपका बेहतर मददगार है। इसके लिए आपको सैटिंग को सुरक्षित करना होगा।

  •   आप इंटरनेट एक्सप्लोरर के टूल्स पर क्लिक करें, इसके खुलने पर नीचे इंटरनेट ऑप्शंस पर क्लिक करें। इसके खुलने पर कंसोल ऑप्शन में जाकर सिक्योरिटी टैब पर क्लिक करें। सिक्योरिटी जोन में एक्टिव स्क्रिप्टिंग के लिए- इंटरनेट, लोकल इंटरनेट या स्ट्रिक्टिड पर जाकर विकल्प चुनें। बेहतर सुरक्षा के लिए कस्टम लेवल का चयन करें। ऑपशन में एक्टिव एक्स कंट्रोल और प्लग-इन्स को डिसेबल कर दें। इससे कुछ साइट्स का ठीक से काम करना प्रभावित होता है।
  •  इन दिनों फायर फॉक्स, गूगल क्रोम और एवीजी का फ्री वायरस प्रोटेक्शन आपके लिए मददगार हो सकता है। पॉपअप ब्लाक रख कर भी आप अनचाहे विज्ञापनों और सूचनाओं से छुटकारा पा सकते हैं।  
  •  एंटीवायरस का इस्तेमाल करें और उसे लगातार अपडेट करते रहें।

  •  थर्ड पार्टी को कुकीज डालने की छूट पर रोक लगाएं।

  •  अपने कंप्यूटर का महत्वपूर्ण डाटा अलग डिस्क या सीडी में सेव करते रहें।

  •   जब इस्तेमाल न कर रहे हों तो इंटरनेट कनेक्शन को डिसकनेक्ट करना न भूलें।

  •  किसी साइबर कैफे में जाएं तो अपनी टैंपरेरी इंटरनेट फाइलें उड़ाना न भूलें।

  •  किसी फाइल को डाउनलोड करने से आपके अपने अपडेटेड एंटी वायरस की कसौटी पर उसे परख लें। यह भी सुनिश्चित करें कि डाउनलोड की जाने वाली ऐप्लिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफाइड अथॉरिटी से अनुमोदित हो। मसलन, यह वेरी साइंड से प्रमाणित हो तो इससे आप आश्वस्त हो सकते हैं। ऐसी ऐप्लिकेशंस जिनमें कोई सिक्योरिटी सर्टिफिकेट न हो आपके कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल को नुकसान पहुंच सकता है।
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नेट सर्फिंग में सुरक्षाइंटरनेट सर्फिग के दौरान हमेशा सावधान रहना चाहिए
, नहीं तो ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ वाला फार्मूला अपने रंग दिखाना शुरू कर देगा। न जाने किस साइट से और किस मेल के रूप में वॉयरस आपके कंप्यूटर को हानि पहुंचा दे, इससे हर कदम पर सावधान रहने की जरूरत है।


हालांकि सर्फिग के दौरान जो सामान्य सर्चइंजन और साइट्स आप इस्तेमाल करते हैं उनकी तरफ से भी अपनी साख और ग्राहकी बनाए रखने के लिए काफी इंतजाम किए जाते हैं। साखदार सर्च इंजन में तो नुकसान की आशंका वाली हर घातक साइट के बारे सूचना आपको दे दी जाती है कि यह साइट आपके कंप्यूटर को हानि पहुंचा सकती है। ऐसे में यह आप पर है कि उन साइट्स के आकर्षक होने और उपयोगी लगने पर भी आप संकट में फंसने से खुद को बचाएं।

पॉपअप ब्लॉक करें: इसी तरह पॉपअप के जरिए या थर्ड पार्टी डिमांड को बाधित करके भी आप अपने कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल को हानिकारक साइटों के प्रकोप से बचा लकते हैं।

फिशिंग फिल्टर: एक अन्य उपाय यह है कि आपके इंटरनेट एक्सप्लोरर पर फिशिंग फिल्टर की व्यवस्था रहे, जिससे हर खुलने वाली साइट या नेट पन्ने के फालतू पॉपअप से आप अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रख सकें।

लोकप्रिय नामों से बचें : हाल ही में कैटरिना और एसआरके जैसे नामों की खोज के दौरान हानिकारक वॉयरस ने बहुत से कंप्यूटरों को अपना निशाना बनाया था। यह वॉयरस इतना खतरनाक था उसने पूरी हार्डडिस्क क्षतिग्रस्त कर दी। गूगल की गलत स्पैलिंग या एमएसएन से मिलते-जुलते नाम से धोखा देते सर्चइंजन भी ईसर्फिग के दौरान हानि पहुंचाने का काम कर सकते हैं। इनसे परहेज करना चाहिए।
आकर्षण गेम्स : देखने में आया है कि ज्यादातर कंप्यूटरों में बेहद लुभाते गेम्स, लुभावने चित्रों और एडल्ट मैटिरियल में रुचि दिखाने के दौरान लोगों के कप्यूटर में खतरनाक वायरस आया। इनसे बचने में ही भलाई है।

रक्षक बने भक्षक: इंटरनेट सर्फिग के दौरान आपके कंप्यूटर को हानिकारक वॉयरस से बचाने का दावा करते पॉपअप भी सामने आते हैं। ये आपके कंप्यूटर को खतरे में बताते हुए संकटमोचक के रूप में एंटीवॉयरस प्रोग्राम मुफ्त डाउनलोड करने का न्योता देते हुए अवतरित होते हैं। इस बारे में हमारी सलाह यही है कि इनका कतई भरोसा न करें। ये आपके कंप्यूटर को हैक करने का काम भक्षक बन कर करते हैं।
आभारी c7i & Goggle आपका समीर

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