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Monday, September 20, 2010

कुछ अजीब-सा खेल है टीआरपी का..

टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट) को सब समझते हैं। टीवी प्रोग्राम को मिलने वाले दर्शकों की संख्या से जुड़ा यह तकनीकी शब्द जिस तरह प्रचलित हुआ है, वैसा प्रिंट मीडिया की प्रसार संख्या बताने वाला शब्द "एबीसी" नहीं, जिसका फुलफार्म है ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन।
टीवी को लेकर एक मुहावरा बना है कि फलाँ चैनल टीआरपी के लिए विवाद दिखा रहा है। मगर कभी यह नहीं कहा गया कि फलाँ अखबार ने ऐसी खबर "एबीसी" के लिए छापी। इसका एक कारण तो यह कि जब प्रिंट मीडिया उभार पर था, उस समय पाठकों की जागरूकता इतनी नहीं थी। दूसरा कारण यह कि प्रिंट मीडिया शुरू से संयत रहा है। अखबार की छपी हुई प्रतियाँ गिनकर और बीसियों रजिस्टर चेक करके यह प्रमाणित किया जाता है कि किस अखबार की कितनी प्रतियाँ निकलती हैं। इसके आधार पर ही विज्ञापन कंपनियाँ किसी अखबार को विज्ञापन देती (या नहीं देती) हैं। एबीसी में कभी ऐसा घपला नहीं हुआ कि कोई बड़ा विवाद पैदा हो, मगर टीआरपी को लेकर ऐसा विवाद पैदा हो रहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने पिछले दिनों बयान दिया था कि टीआरपी तय करने वाली संस्था की मिलीभगत एक विज्ञापन कंपनी से है। एसी नीलसन नाम की कंपनी द्वारा केवल सात हजार घरों में मशीन लगाई गई है, जहाँ पर किस चैनल को कितना देखा गया, किस समय देखा गया, यह मालूम पड़ता है। इन मशीनों को टैम (टीवी ऑडियंस मीटर) कहा जाता है।
टैम के आँकड़ों के आधार पर तय होता है कि किस चैनल को कितना देखा जा रहा है। यह एक तरह से चुनाव के बाद की जाने वाली रायशुमारी की तरह है जिसे ऑडियंस पोल कहा जाता है। हम सब जानते हैं कि ऑडियंस पोल कितनी बार नाकाम हुए हैं। छोटे शहरों, कस्बों और गाँवों के करोड़ों घरों की पसंद-नापसंद का फैसला केवल सात हजार शहरी घरों से कैसे किया जा सकता है? कोढ़ में खाज यह कि इस पर भी बेईमानी का आरोप लग गया है।

इस टीआरपी से बहुत कुछ तय होता है। हर शुक्रवार आने वाली रेटिंग जानकर बहुत से शो की कहानियाँ लिखी जाती हैं। किरदारों का काम घटाया या बढ़ाया जाता है। टीवी उद्योग का बहुत कुछ इसी टीआरपी से चलता है। ऐसे में इसे जितना पारदर्शी होना चाहिए, उतना पारदर्शी यह है नहीं। सुकून देने वाली बात यह है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय फिलहाल टैम की जाँच कर रहा है। उधर एक और कंपनी है, जो रेटिंग के लिए आना चाहती है और वादा कर रही है कि पारदर्शिता के साथ काम करेगी। देखना है कि यह कैसे होता है, कब तक होता है।
आभारी वेबदुनिया 

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