इंटरनेट पर कई तरह के सॉफ्टवेयर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। इनकी तीन-चार प्रमुख श्रेणियां हैं जिन्हें हम फ्रीवेयर, शेयरवेयर, ट्रायल, बीटा और ओपन सोर्स के रूप में जानते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, फ्रीवेयर पूरी तरह निशुल्क और बिना शर्त उपलब्ध कराए जाने वाले सॉफ्टवेयर हैं। शेयरवेयर नामक सॉफ्टवेयर एक निर्धारित अवधि तक पूरी तरह नि:शुल्क इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उस अवधि में वे पूरी तरह सामान्य सॉफ्टवेयर की भांति काम करते हैं, लेकिन अवधि बीतने पर वे निष्क्रिय हो जाते हैं। सॉफ्टवेयरों को इस रूप में जारी करने का आशय है कि आप उन्हें खरीदने से पहले आजमा लें।
कुछ सॉफ्टवेयरों के ट्रायल वर्जन भी निशुल्क डाउनलोड किए जा सकते हैं, जैसे एडोब फोटोशॉप या पांडा एंटीवायरस। इन्हें भी कर सकते हैं। उसके बाद कुछ सॉफ्टवेयर तो पूरी तरह निष्क्रिय हो जाते हैं, जबकि कुछ (जैसे नॉर्टन एंटीवायरस) अपेक्षाकृत कमजोर फीचर्स के साथ काम जारी रखते हैं। सॉफ्टवेयर की दुनिया में ‘बीटा’ वर्जन का नाम बहुत सुना जाता है। बीटा सॉफ्टवेयर को मुफ्त दिए जाने का उद्देश्य उनका बड़े पैमाने पर परीक्षण करना है। प्राय: किसी सॉफ्टवेयर के पूर्ण संस्करण के बिक्री हेतु जारी होने से पहले कुछ अवधि के लिए उसका बीटा संस्करण उपलब्ध कराया जाता है। इस दौरान लोग उसे इस्तेमाल कर उसकी कमियों और संभावित सुधारों के बारे में अपने विचार संबंधित कंपनी को भेज सकते हैं। इस क्रिया में दोनों पक्षों को लाभ होता है। जहां आईटी कंपनियों को वास्तविक योक्ताओं का फीडबैक मिलता है, वहीं उपभोक्ता किसी अच्छे सॉफ्टवेयर को लांच होने से पहले ही, और मुफ्त में इस्तेमाल कर पाते हैं।
जहां तक ओपन सोर्स सॉफ्यवेटरों का संबंध हैं, वे पूरी तरह नि:शुल्क दिए जाने वाले सॉफ्टवेयर हैं जिन्हें प्रमोट करने के लिए इंटरनेट पर बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के अधिकांश सॉफ्टवेयर ओपन सोर्स के रूप में विकसित किए गए हैं। विंडोज, मैक और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टमों के लिए भी ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर लाखों की संख्या में उपलब्ध हैं। ये फ्रीवेयर की ही तरह होते हैं, इनके फीचर्स या अवधि संबंधी कोई सीमा नहीं होती।
आभारी c7i
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