कुछ हमारी जीवन शैली का प्रभाव है और कुछ खान-पान के बदलते अंदाज का कि आज के समय में दिल का दौरा पड़ना बहुत सामान्य बात हो गयी है। चिंता का विषय ये भी है कि हृदय रोग केवल बड़ी उम्र के लोगो में ही नहीं बल्कि युवाओ में भी ये बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। आइए, आज हृदय रोग पर ही आपके साथ चर्चा करते हैं-
हृदय रोग मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है।
१) इन्जाएना
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हृदय में एक कोरोनरी धमनी होती है। इन्जाएना रोग कोरोनरी धमनी के कारण होता है। कभी-कभी किन्हीं कारणों से यह कोरोनरी धमनी सिकुड़ने लगती है, जिसके कारण तमाम तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। इसी अवस्था को इन्जाएना कहा जाता है।
इस रोग के लक्षण
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इस रोग का पता डॉक्टर के पास जाने से चलता है लेकिन इस रोग के मुख्य लक्षण शरीर में बायीं और तेजी से दर्द का होना है। कभी-कभी ये दर्द बहुत ही असहनीय होता है।
२) दिल का दौरा पड़ना
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ये हृदय रोग का दूसरा रूप है जब कोरोनरी धमनी में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है ह्रदय के उस भाग की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। जिसके कारण दिल का दौरा पड़ता है ।
इसके लक्षण
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इसका लक्षण भी हृदय में बायीं और तेजी से दर्द का होना है लेकिन धीरे-धीरे ये दर्द नाक ,कान, गर्दन तक
फैलने लगता है।
हृदय रोग के कारण
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१) खून में कोलेस्ट्राल की मात्रा के ज्यादा होने के कारण भी हृदय रोग होने की संभावना होती है।
२) मदिरापान, ध्रूमपान करना।
३) भागदौड़ और तानावपूर्ण हालत वाले जीवन बिताने वाले आदमी में भी इसके होने के चांस होते हैं।
४) ज्यादा वसायुक्त भोजन करना ।
ह्रदय रोग से बचाव
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१) ध्रूमपान और तम्बाकू से परहेज करना चाहिए।
२) तला हुआ एवं ज्यादा वसायुक्त भोजन नहीं करना चाहिए।
३) हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करते रहना चाहिए।
यदि आप उपरोक्त बातों को ध्यान में रखें तो आपका दिल स्वस्थ रहेगा और चिंता रहित जीवन जी सकेंगे।
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