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Friday, October 29, 2010

चीन ने सबसे तेज सुपर कम्प्‍यूटर बनाया

चीन के वैज्ञानिकों ने अमेरिका को पीछे छोड़ते हु़ए विश्व का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर बनाने का दावा किया है।

समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक चीन में बने इस तिआन्हे-1ए सुपर कम्प्यूटर की क्षमता अमेरिका के टेन्नेसी की प्रयोगशाला में मौजूद सुपर कम्प्यूटर से 1.4 गुना अधिक है।


सुपर कम्प्यूटर की रैंकिंग को निर्धारित करने वाले टेन्नेसी स्थित प्रयोगशाला के कम्प्यूटर वैज्ञानिक जैक डोंगरा ने कहा है कि चीन द्वारा बनाया गया यह कम्प्यूटर शीर्ष स्थान पर रहने का हकदार है।

अब मोबाइल से होने वाले विकिरण का खतरा नहीं

इजरायल की एक कम्पनी ने एक ऐसी स्टिक-ऑन-फिल्म (चिपकने वाली परत) का आविष्कार किया है, जो मोबाइल फोन धारकों को उससे होने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण से बचाएगा।



समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक वाइज इन्वायरोमेंट नाम की इस कम्पनी ने अपने इस खास उत्पाद को ‘सेल ला वेई रेडिएशन प्रोटेक्टर’ नाम दिया है।




इस पतली सी परत को मोबाइल फोन के दोनों ओर चिपका दिया जाता है, जिसके बाद यह फोन से निकलने वाले 98 फीसदी विकिरण को रोक देता है।

विकिरण से बचाने वाली इस परत की कीमत 47 डॉलर तय की गई है। कम्पनी का दावा है कि इसकी सबसे खास विशेषता यह है कि यह मोबाइल एन्टिना से निकलने वाले विकिरण को फोन का उपयोग करने वाले के शरीर तक नहीं पहुंचने देती।

Tuesday, October 26, 2010

अब प्रिंटर के लिए कम्प्यूटर की जरूरत नहीं देखिये सब कुछ संभव है आज ..

उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो अपने दफ्तर से दूर काम कर रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एचपी ने नए रेंज में एक ऐसा प्रिंटर बनाया है, जिसे मोबाइल फोन से सीधे जोड़कर और दूर से प्रिंट लिया जा सकेगा।

इस नए ई-प्रिंट तकनीकी से दूर से ही मोबाइल फोन से ई-मेल के जरिए तुरंत प्रिंट निकाला जा सकता है।

कंपनी ने इसके साथ ही ‘ऑल इन वन’ की तर्ज पर फोटोस्मार्ट ई-स्टेशन प्रिंटर भी तैयार किया है। जिसमें टच स्क्रीन की सुविधा मौजूद है।



नए प्रिंटर से हालांकि वेबसाइट के पृष्टों का प्रिंट नहीं लिया सकता है। इसे केवल मोबाइल फोन से ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
बाजार में इसकी कीमत 99 पाउंड से शुरू हो रही है। ई-स्टेशन प्रिंटर का दाम 250 पाउंड, जबकि बहुपयोगी ‘ऑल इन वन’ प्रिंटर की कीमत 380 पाउंड है।

अब मोबाइल रिमोट कंट्रोल से चलेगा

अपने स्मार्टफोन को आप जल्द ही अब रिमोट के जरिए संचालित कर पाएंगे। सोनी एरिक्सन के एक ब्लूटूथ टच डिस्प्ले से यह संभव हो गया है।



 

कुल 1.3 इंच लंबा और 15 ग्राम का ‘लाइव व्यू’ नामक ओएलईडी मॉनीटर आवाज की पहचान करने में सक्षम है। यह म्यूजिक प्लेयर और अन्य एप्लीकेशन संचालित करने में सक्षम है। इसमें कॉलर आईडी सेवा उपलब्ध है और यह ट्विटर और फेसबुक के अपडेट दिखा सकता है।

यह रिमोट कंट्रोल सोनी एरिक्शन के एक्सपेरिया श्रृंखला के फोन सहित सैमसंग गैलेक्सी एस और एचटीसी डिजायर जैसे एंड्रायड फोन के लिए उपयोग किया जा रहा है। ‘लाइव व्यू’ इस साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।

आईपैड की टक्कर में ‘ब्लैकबेरी प्लेबुक’

टैबलेट कम्प्यूटर के बढ़ते बाजार को देखते हुए दुनिया की सबसे भरोसेमंद कारोबारी फोन ‘ब्लैकबेरी’ बनाने वाली कनाडा की कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने हाल ही में एप्पल ‘आईपैड’ को टक्कर देते हुए अपना पहला टैबलेट कम्प्यूटर ‘ब्लैकबेरी प्लेबुक’ को प्रदर्शित किया।

ब्लैकबेरी की ये पेशकश एप्पल आईपैड से कहीं ज्यादा बेहतर है। प्लेबुक में 7 इंच की टच क्षमता वाली डिसप्ले स्क्रीन है, जिसकी मोटाई 9.77 मिलीमीटर है और वजन सिर्फ 400 ग्राम। ‘प्लेबुक’ को कंपनी के स्मार्टफोन ब्लैकबेरी की तरह व्यापार और उद्योग जगत के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
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‘प्लेबुक’ में नया ऑपरेटिंग सिस्टम
हर दिन तेज होती टैबलेट पीसी की इस जंग में अब ब्लैकबेरी भी कूद पड़ी है। ब्लैकबेरी ‘प्लेबुक’ के लिए रिम ने अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम ‘ब्लैकबेरी टैबलेट ओएस’ बनाया है।
प्लेबुक में एक गीगाहर्ट्ज का प्रोसेसर लगा है जो इसकी रफ्तार को और भी शानदार बनाता है। साथ ही यह ब्लैकबेरी की सभी सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम है। 
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शानदार मेमोरी क्षमता

ब्लैकबेरी ‘प्लेबुक’ में 1जीबी का रैम है जो इसकी मेमोरी क्षमता को दमदार बनाता है। वाई-फाई पर चलने वाले इस टैबलेट कम्प्यूटर में 3जी और 4जी की सुविधा भी रहेगी।
एप्पल ‘आईपैड’ के मुकाबले ब्लैकबेरी ‘प्लेबुक’ की टच क्वालिटी ज्यादा शानदार है।  
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‘प्लेबुक’ में हैं दो उत्कृष्ट कैमरे
ब्लैकबेरी ‘प्लेबुक’ में 2 हाई डेफिनेशन कैमरे का विकल्प दिया गया है। 3 मेगापिक्सल का उत्कृष्ट कैमरा प्लेबुक के आगे लगा हुआ है। तथा 5 मेगापिक्सल का कैमरा इसके पीछे दिया गया है। ‘प्लेबुक’ में लगे दो कैमरे वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में मदद करेंगे।
यानी इसके जरिए आसानी से वीडियो चैट की जा सकेगी। ये सुविधा एप्पल ‘आईपैड’ में नहीं है। इसलिए ये एप्पल आईपैड से कहीं बेहतर है।
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मजेदार इंटरनेट सर्फिंग
रिम का पहला टैबलेट कम्प्यूटर ‘ब्लैकबेरी प्लेबुक’ विशेषरूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी कम्पनी एप्पल ‘आईपैड’ के मुकाबले में उतारा गया है। इसमें ऐसी कई सुविधाएं हैं जो एप्पल ‘आईपैड’ में नहीं हैं। ‘प्लेबुक’ में वास्तविक रूप से मल्टीटास्किंग, उच्च क्षमता की मल्टीमीडिया, ब्लूटूथ और वेब ब्राउजिंग जैसी आकर्षक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्लेबुक एडॉबी फ्लैश प्लेयर सपोर्ट करता है जिससे इंटरनेट सर्फिंग का मजा दोगुना हो जाता है। 
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बजट में रहेगी इसकी कीमत
महंगे कारोबारी फोन बनाने वाली कंपनी रिम ने अपने पहले टैबलेट पीसी ‘ब्लैकबेरी प्लेबुक’ की कीमत को आम आदमी के बजट के अनुरूप ही रखा है।
जहां एक तरफ एप्पल ‘आईपैड’ के अलग-अलग मॉडलों की कीमत उसकी मेमोरी क्षमता के अनुरूप रखी गई है वहीं ब्लैकबेरी ‘प्लेबुक’ में ऐसा नहीं रहेगा। 
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अगले साल तक आएगा ‘प्लेबुक’
प्लेबुक’ अगले साल 2011 तक तकनीकी बाजार में मिलना शुरू हो जाएगा।
उम्मीद है कि कारोबारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया ये आधुनिक कम्प्यूटर, टैबलेट पीसी के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में कामयाब हो पाएगा।  
  

नोकिया के नए मोबाइल नए सॉफ्टवेयर के साथ

कारोबारी मोबाइल फोन ‘ब्लैकबेरी’ को टक्कर देने वाली मोबाइल बाजार की सबसे लोकप्रिय मोबाइल निर्माता कंपनी ‘नोकिया’ ने अपने खुद के ऑपरेटिंग सिस्टम ‘सिम्बियन3’ के प्लैटफोर्म पर चलने वाले स्मार्टफोन ‘ई-7’ और नई ‘सी’ श्रृंखला के फोन ‘सी6-06’ और ‘सी-7’ को बाजार में पेश किया।

स्मार्टफोन के बाजार में पिछड़ रही नोकिया ने तकनीकी बाजार में तीन नए स्मार्टफोन उतार कर साबित कर दिया कि नोकिया के ये नए मोबाइल फोन हर लिहाज से उत्कृष्ट हैं।लोकप्रिय मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया ने हाल ही में गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड को टक्कर देते हुए अपने खुद के ऑपरेटिंग सिस्टम ‘सिम्बियन3’ पर चलने वाला मोबाइल फोन ‘ई-7’ को तकनीकी बाजार में उतारा। ‘नोकिया ई-7’ एक स्मार्टफोन होने के साथ-साथ कारोबारी फोन भी है। इसमें 4 इंच के टचस्क्रीन डिस्प्ले के साथ स्लाइड-आउट कीबोर्ड भी है। जो इसे एक कारोबारी फोन बनाता है। नोकिया के इस नए मोबाइल फोन की कीमत करीब 30,000 रुपए है।176 ग्राम वाले ‘नोकिया ई-7’ में उच्च कोटि का 8 मेगापिक्सल कैमरा है। जिससे आप एक उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीर खींच सकते हैं। साथ ही इसमें 16जीबी की मेमोरी क्षमता है। नोकिया का ये नया फोन जनवरी 2011 में भारतीय बाजार में दस्तक देगा।
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बेहद आकर्षक है ‘ई-7’
  अत्यंत आकर्षक दिखने वाला नोकिया का नया मोबाइल ‘ई-7’ में वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा के साथ-साथ उसे एडिट करने की भी सुविधा है। इसके अलावा इसमें वाई-फाई, ब्लूटूथ और एफएम रेडियो की भी सुविधा है। नोकिया के ये फोन ‘सिम्बियन3’ सॉफ्टवेयर के ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेगा।
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नोकिया की नई श्रृंखला ‘सी-7’
 

  नोकिया ने नए ऑपरेटिंग की सिस्टम के साथ-साथ अपने मोबाइल फोन की नई श्रृंखला ‘सी’ को भी शुरू किया है। सिम्बियन-3 के सॉफ्टवेयर पर चलने वाला नोकिया का नया मोबाइल फोन ‘सी-7’ एक बेहतरीन स्मार्टफोन है। इसमें फेसबुक, ट्विटर और वेबमेल जैसी सुविधाएं हैं। बेहद पतले और आकर्षक दिखने वाले ‘नोकिया सी-7’ में 3.2 इंच का टचस्क्रीन डिसप्ले है, 8 मेगापिक्सल कैमरा, 8 जीबी का मेमोरी कार्ड, जीपीएस और माइक्रो एसडी कार्ड जैसी तमाम सुविधा है। नोकिया सी-7 की कीमत करीब 20,000 रुपए है।
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मोटोरोला के शानदार एंड्रॉयड मोबाइल फोन

मोटोरोला के शानदार एंड्रॉयड मोबाइल फोन:-
तकनीकी जगत की हर बड़ी से बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी गूगल के एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर पर चलने वाले मोबाइल फोन पेश करने में लगी है। ऐसे में तकनीकी बाजार में मोबाइल जगत की जानी-मानी अमेरिकी कंपनी मोटोरोला ने एंड्रॉयड सुविधा वाले मोबाइल फोन की बारिश कर दी है। 
कंपनी ने हाल ही में एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर चलने वाला मोबाइल फोन ‘फ्लिप आउट’ पेश किया। ये वर्गाकार फोन एक स्लाइडिंग फोन है जिसे चारों और आसानी से घूमाया भी जा सकता है। 2.8 इंच का टचस्क्रीन डिसप्ले वाला ये फोन एक क्वार्टी कीपैड वाला फोन है। 3जी सुविधा वाले इस फोन में 3 मेगापिक्सल कैमरा और माइक्रो एसडी कार्ड के साथ कई आकर्षक सुविधाएं हैं।

ब्लैकबेरी का नया स्मार्टफोन ‘स्टाइल-9670’
 

कारोबारी मोबाइल फोन की दौड़ में सबसे आगे रहने वाली कनाडा की ब्लैकबेरी फोन बनाने वाली मशहूर मोबाइल निर्माता कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ला रही है बेहद ही आकर्षक दिखने वाला नया ब्लैकबेरी फोन ‘ब्लैकबेरी स्टाइल-9670’। ये स्मार्टफोन एक फ्लिप फोन है जिसमें क्वार्टी कीबोर्ड की सुविधा दी गई है। ये फोन एक जीएसएम फोन नहीं है इसलिए ये जीएसएम नेटवर्क वालों के लिए बिल्कुल उपयोगी नहीं हैं। 3जी सुविधा से युक्त यह फोन महज 131 ग्राम का है।ब्लैकबेरी की इस नई पेशकश ‘स्टाइल-9670’ की सबसे बड़ी खासियत है इसमें लगी दो-दो डिसप्ले स्क्रीन। जैसा कि ये एक फ्लिप फोन है इसलिए इसमें बाहर भी एक डिसप्ले स्क्रीन है और अंदर भी। बाहर लगी स्क्रीन में आप समय, जरूरी सूचनाएं और एसएमएस देख सकते हैं।

नए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ

 ‘ब्लैकबेरी स्टाइल-9670’ ब्लैकबेरी के नए ऑपरेटिंग सिस्टम 6 पर चलेगा। ये एक सीडीएमए फोन है। 31 अक्टूबर को यह फोन अमेरिका में मिलना शुरू हो जाएगा।इस फोन में फ्लैश के साथ 5 मेगापिक्सल कैमरा है जो कि वीडियो रिकॉर्डिंग में भी मदद करता है। ब्लैकबेरी फोन की खासियत होती है उस पर की जाने वाली नेट सर्फिंग। इस फोन में कैमरे की मदद से फोटो खींचकर आप तुरंत नेट पर अपलोड कर सकेंगे।कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें वाई-फाई की सुविधा है साथ ही इसमें जीपीएस की भी सुविधा है जिसकी मदद से आप किसी भी जगह का नक्शा आसानी से पता लगा सकेंगे। साथ ही ब्लूटूथ, यूएसबी बोर्ड जैसी सुविधाएं हैं। इसके अलावा वेब ब्राउजिंग के लिए पुश ई-मेल और एचटीएमएल की भी सुविधा है।ब्लैकबेरी के इस स्मार्टफोन में बेजोड़ मेमोरी क्षमता है। इसमें 512 एमबी की इंटरनल मेमोरी क्षमता है जिसे 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही इसमें 16 जीबी का माइक्रो एसडी कार्ड भी है। इसका टॉक टाइम करीब 4 घंटे 30 मिनिट है।


दुनिया की सबसे बड़ी चॉकलेट!


क्‍या आप एक चॉकलेट बार को पूरे मोहल्‍ले में बांट सकते हैं, नहीं ना। लेकिन अब ये संभव हो सकता है। जी हां, अर्मेनिया की राजधानी येरेवान में दुनिया की सबसे बड़ी ऐसी चॉकलेट तैयार हुई है। इस चॉकलेट बार का वजन 9702 पौंड यानी कि 4410 किलोग्राम है। इस विशालकाय चॉकलेट को 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में शामिल किया गया है। इस चॉकलेट का आकार 224 इंच लंबा, 110 इंच चौड़ा और 10 इंच मोटा है। जिसे ग्रैंड कैंडी फैक्ट्री तैयार ने की है। इस विशालकाय चॉकलेट में 70 प्रतिशत कोकोया के अलावा प्राकृतिक पदार्थों को शामिल किया गया है। फैक्ट्री के मालिक केरेन वरडान्यन ने बताया कि चॉकलेट 16 अक्टूबर तक लोगों के बीच बांटा जा सकेगा।

Monday, October 25, 2010

आईफोन और आईपैड का मिश्रण है ‘मैकबुक एयर’

आईफोन और आईपैड का मिश्रण है ‘मैकबुक एयर’


जहां तकनीकी कंपनियां धड़ाधड़ टैबलेट कम्प्यूटर पेश करने में लगी हैं वहीं कैलिफॉर्निया की दिग्गज कंपनी एप्पल ने पेश किया अब तक का सबसे पतला और सबसे हल्का लैपटॉप ‘मैकबुक एयर-3.1’। दरअसल ये एक नोटबुक है जो एप्पल के ही ऑपरेटिंग सिस्टम ‘मैक ओएक्स’ पर काम करेगी। ये नोटबुक आईपैड और आईफोन का मिश्रण कही जा सकती है। एप्पल का मैकबुक एयर दो आकार में उपलब्ध रहेगा। 11 इंच की स्क्रीन वाले मैकबुक एयर की कीमत करीब 70 हजार रुपए हैं वहीं 13 इंच की स्क्रीन वाले दूसरे लैपटॉप की कीमत करीब 99 हजार रुपए रहेगी। दोनों ही अलग-अलग मेमोरी क्षमता में मिलेंगे जैसा कि एप्पल के उत्पाद मिलते हैं। 

और भी जगाहे है यह भी देखो..

वैसे हममें से अधिकांश के लिए गूगल वेब सर्च का पर्याय बन चुका है। हम गूगल पर सूचना के लिए जाते हैं। इसका मतलब कि हम सूचना प्राप्ति के लिए किसी अधिक भरोसेमंद और तेज साधनों का इस्तेमाल नहीं करते।
पिक्चर परफेक्ट  
इमेज सर्च तब की जाती है जब हम किसी रिपोर्ट या प्रेजेंटेशन के लिए कोई तस्वीर खोजते हैं। लेकिन यह तरीका सूचना खोजने में भी काम आ सकता है। अपनी काम की सूचना के लिए जब आपकी सर्च ग्राफ या चार्ट दिखाती है तो उससे आपको जरूरी सूचना का भी पता चल जाता है और आप इस कवायद में किसी सही सर्च पेज तक जा पहुंचते हैं। इसलिए जब आप अपनी रिपोर्ट, प्रजेंटेशन या ब्लॉग पोस्ट के लिए इमेज खोज रहे हों तो फ्लिकर का इस्तेमाल करें। गूगल पर कोई तस्वीर खोजते समय आप किसी भी तस्वीर के कॉपीराइट के बारे में दावे के साथ नहीं कह सकते। इसके विपरीत, यदि आप क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंसी तस्वीरों के लिए फ्लिकर का इस्तेमाल करते हैं तो वह कॉपीराइट की दृष्टि से सुरक्षित होंगी।
सवाल-जवाब
याहू पर सही सूचना मिलनी कई बार मुश्किल होती है और यही कारण है कि वह मुख्यधारा सर्च का हिस्सा नहीं बन सका है। लेकिन क्वोरा (www.quora.com) के साथ ऐसी समस्या नहीं होगी। इस साइट को विकि सिद्धांत पर तैयार किया गया है जिसमें इस्तेमालकर्ता को सवालों के जवाब देने, उनका संपादन करने, प्रश्नों में योगदान और जवाबों को श्रेणीगत लगाने की सुविधा है। प्रत्येक प्रश्न का अपना एक पृष्ठ है और यह उस सवाल का पुख्ता स्नोत साबित होता है। क्वोरा की खास बात ये है कि इसमें इसके फाउंडर्स, इंडस्ट्री लीडर और टॉपिक एक्सपर्ट सवालों के जवाब देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप ट्विटर संबंधी कोई प्रश्न करते हैं तो बहुत संभव है कि उसके फाउंडर इवान विलियम्स जवाब दें। पेशेवराना राय के मामले में यह बेहतर है, लेकिन डिनर के लिए बाहर जा रहे हैं तो जाहिर है आप अपने परिवारजनों की ही राय लेंगे। इस जगह आर्डवार्क (http://vark.com) काम आता है। यह पूर्णतया नॉन-गूगल नहीं है, और चूंकि यह अभी नया है इसलिए गूगल का कुछ असर इस पर है। आर्डवार्क अपनी सर्च विधि से यह सुविधा देता है कि आपके सवालों का जवाब आपकी सोशल सर्च से जुड़े आपके मित्र या मित्रों के मित्र ही दें। यह भी सुविधा मिलती है कि जवाब सबसे बेहतर व्यक्ति दे और आपके सवाल किसी एक ही व्यक्ति के पास न जाएं।
खोज पक्ष
रियल टाइम और सोशल सर्च का मकसद आपके सवालों के जवाब की तलाश से अधिक नई खोज से है, और इसमें अभी कार्य चल रहा है। रियल टाइम सर्च में आपके सवालों के जवाब में सबसे हालिया लेख, लिंक और ब्लॉग सामने आते हैं। इस समय सबसे मशहूर रियल टाइम सर्च है (http://twitter.com/search)। लेकिन अन्य भी कुछ सेवाएं हैं जैसे वनरायट (www.oneriot.com) और गूगल और बिंग के सोशल सर्च फीचर। सोशल सर्च इसलिए भी कुछ अलग है कि इसमें आपके सोशल ग्राफ की पड़ताल पहले होती है।
फाइल तलाशें
कितनी ही बार हम किसी ऐसी रिपोर्ट, प्रस्तुतिकरण या डॉक्यूमेंट की खोज कर रहे होते हैं, जिसके बारे में हमें पता होता है कि वह नेट पर उपलब्ध है, पर वह नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में स्लाइड शेयर (www.slideshare.net) स्क्रिब्ड (www.scribd.com) अथवा डॉकस्टॉक (www.docstoc.com) पर सर्च करना अधिक बेहतर विकल्प होगा। न सिर्फ यहां ये संभावना होगी कि आप अपनी जरूरत का डॉक्यूमेंट ढूंढ़ पाएंगे, पर उससे संबंधित दूसरे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी तलाश सकेंगे, जिनके बारे में आप नहीं जानते थे।
वेब सर्च (विकल्प)
यहां वैकल्पिक शब्दों का प्रयोग इसलिए नहीं कहा, क्योंकि वेबसर्च के लिए यहां एक ही नाम बिंग (www.bing.com) का है। याहू का नाम भी इसमें शामिल किया जा सकता है, पर माइक्रोसॉफ्ट के साथ उसकी डील के बाद इसमें बहुत संभावना नहीं रही। फेस वेल्यू की बात करें तो गूगल और बिंग कुछ बहुत अलग परिणाम नहीं दर्शाएंगे। यहां यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि सर्च परिणाम आपके द्वारा की जा रही तलाश पर भी निर्भर करते हैं। कुछ के लिए जहां गूगल बेहतर है, तो अन्य के लिए बिंग बेहतर हो सकता है। परिणाम में इतना कम अंतर देखने को मिलता है कि नियमित यूजर को शायद ही कोई बड़ा फर्क इस संबंध में महसूस हो। बिंग के महत्व को इस बात से भी जाना जा सकता है कि गूगल ने अपनी सूचना वृद्धि के लिए बिंग यूजर इंटरफेस की सामग्री का अपने यहां इस्तेमाल किया।

क्या है आईआईपी? और क्यों है

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) किसी अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र में किसी खास अवधि में उत्पादन के हालात के
बारे में बताता है। भारत में हर महीने आईआईपी के आंकड़े जारी किए जाते हैं। ये आंकड़े आधार वर्ष के मुकाबले उत्पादन में बढ़ोतरी या कमी संकेत देते हैं। भारत में आईआईपी की तुलना के लिए वर्ष 1993-94 को आधार वर्ष माना गया है।

आईआईपी की गणना किस तरह से की जाती है?

किसी महीने की आईआईपी उस महीने के छह हफ्ते के अंदर जारी किया जाता है। आईआईपी के अनुमान के लिए 15 एजेंसियों से आंकड़े जुटाए जाते हैं। इनमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईआईपी), इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, सेंट्रल स्टैटिस्टिकल आगेर्नाइजेशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं। चूंकि यह जरूरी नहीं है कि किसी खास महीने का इंडेक्स तैयार करते समय उत्पादन से संबंधित सभी आंकड़े मौजूद हों, इसलिए पहले प्रोविजनल (अस्थाई) इंडेक्स तैयार करने के बाद जारी कर दिया जाता है। बाद के महीनों में इसमें दो बार संशोधन किया जाता है।

आईआईपी की शुरुआत कब हुई थी?

सबसे पहले 1937 को आधार वर्ष मानते हुई आईआईपी तैयार किया गया था। इसमें 15 उद्योगों को शामिल किया गया था। तब से अब तक इसमें कम से कम सात बार संशोधन किया जा चुका है। इंडेक्स को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए आधार वर्ष और इसमें शामिल उत्पादों में बदलाव किया गया है। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा मानकों के मुताबिक किसी उत्पाद के इसमें शामिल किए जाने के लिए प्रमुख शर्त यह है कि वस्तु के उत्पादन के स्तर पर उसके उत्पादन का कुल मूल्य कम से कम 80 करोड़ रुपए होना चाहिए। इसके अलावा यह भी शर्त है कि वस्तु के उत्पादन के मासिक आंकड़े लगातार उपलब्ध होने चाहिए। इंडेक्स में शामिल वस्तुओं को तीन समूहों-माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिसिटी में बांटा जाता है। फिर इन्हें उप-श्रेणियों मसल-बेसिक गुड्स, कैपिटल गुड्स, इंटरमीडिएट गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में बांटा जाता है।

आईआईपी के आंकड़े अभी चर्चा में क्यों हैं?

इस साल अगस्त महीने के लिए जारी किए आईआईपी के आंकड़े चर्चा में हैं। इसकी वजह यह है कि इस साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। असल में पिछले दो साल में अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बढ़ोतरी में कंज्यूमर ड्यूरेबल और कैपिटल गुड्स क्षेत्रों का बड़ा हाथ रहा है। कई जानकार इसका कारण सरकार के आथिर्क राहत पैकेज को बताते हैं। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अनुमानित 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है।

पास थ्रू सर्टिफिकेट (पीटीसी) क्या है?

पास थ्रू सर्टिफिकेट यानी पीटीसी वह प्रमाणपत्र है, जो गिरवी रखी गई संपत्ति के एवज में निवेशक को जारी किया जाता है। पीटीसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा निवेशकों को जारी किए जाने वाले बॉन्ड या डिबेंचर के समान होते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पीटीसी को अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के एवज में जारी किया जाता है। सिक्योरिटीज पर मिलने वाला ब्याज निवेशक को फिक्स्ड इनकम यानी निश्चित आय के रूप में होता है। प्राय: पीटीसी में वित्तीय संस्थाएं जैसे-बैंक, म्यूचुअल फंड् और बीमा कंपनियां निवेश करती हैं। हालांकि, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए हमें सिक्योराइटेजेशन के बारे में जानना होगा।
पास थ्रु सर्टिफ़िकेट का सीधा अर्थ है, कि जारीकर्ता कंपनी ने मूल-स्वामी से रकम प्राप्त कर निवेशक को पहुंचा दी है।


सिक्योराइटेजेशन क्या है?

बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाएं ग्राहकों को जो लोन या सेवाएं देती हैं, उन पर उन्हें ब्याज मिलता है या मूलधन वापस मिलता है। सिक्योराइटेजेशन के तहत मिलने वाली रकम या आय को कर्ज योजनाओं (डेट इंस्ट्रूमेंट) में परिवर्तत कर निवेशकों को बेच दिया जाता है। इसके लिए मूल कंपनी या बैंक एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीयू) बनाता है, जो डेट इंस्ट्रमेंट जारी करने का काम करती है। बाजार में इस डेट इंस्ट्रमेंट की बिक्री से मूल कंपनी को नकदी हासिल होती है। वह इस रकम या फंड का इस्तेमाल अपने कारोबार के लिए कर सकती है। जब कोई निवेशक इस डेट इंस्ट्रूमेंट को खरीदता है तो उसे पीटीसी जारी किया जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि पीटीसी के अंडरलाइंग एसेट पर निवेशक का अधिकार होता है। जब मूल कंपनी को दिए गए कर्ज की रकम या कर्ज पर ब्याज मिलता है तो वह उसे एसपीवी को स्थानांतरित कर देती है। एसपीवी इस रकम को फिक्स्ड इनकम के रूप में निवेशकों को दे देती हैं।

पास थ्रू सर्टिफिकेट और पे थ्रू सर्टिफिकेट में क्या अंतर है?

पास थ्रू सर्टिफिकेट में कंपनी को लोन पर मिलने वाला ब्याज या मूलधन सीधे निवेशक को दे दी जाती है, जबकि पे थ्रू सर्टिफिकेट में ब्याज या मूलधन की रकम निवेशक को नहीं दी जाती है। इसके बदले निवेशकों को एसपीवी द्वारा नई सिक्योरिटीज जारी की जाती है।

पीटीसी का क्या महत्व है? यह खबरों में क्यों है?

बाजार में मौजूद पीटीसी की रेटिंग क्रिसिल या फिच जैसी रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाती है। रेटिंग से निवेशकों को पीटीसी की अंडरलाइंग सिक्योरिटीज की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है। वोकहार्ट द्वारा जारी पीटीसी की रेटिंग क्रिसिल ने घटा दी है। इसके चलते पीटीसी आजकल खबरों में है। वोकहार्ट अपने पीटीसी पर ब्याज का भुगतान करने में असमर्थ रही है, जिसके चलते उसके पीटीसी की रेटिंग घटा दी गई है।

इंटरनेट से ट्रांजेक्शन करते समय रहें सावधान कही आप अगले सिकार न बन जाये

आतंकवादियों के हाथों इंटरनेट के इस्तेमाल से जुड़ी घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि वेब दुनिया के यूजरों को हैकिंग और पहचान की चोरी जैसी धोखाधड़ी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। देश के शहरी इलाकों में - मेल और सर्फिंग के अलावा बिलों का भुगतान करने और धनराशि ट्रांसफर करने के लिए भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट पर वित्तीय लेन - देन में जरा सी चूक होने पर आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको आईटी का महारथी होने की जरूरत नहीं है , इसके लिए थोड़ी सूझ - बूझ ही काफी होगी। बिल डेस्क के निदेशक एम . एन श्रीनिवासु का कहना है , ' ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड की जड़ें ऑफलाइन दुनिया में होती हैं। इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए भुगतान की ऑनलाइन सुविधाओं का पूरी सतर्कता के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। '

उदाहरण के लिए ट्रांजैक्शन समाप्त करने पर नेट बैंकिंग खाते से लॉग आउट जरूर करें। यह तब और अहम हो जाता है , जब आप सार्वजनिक कंप्यूटर पर काम करते हों। इसके अलावा आप नीचे बताए जा रहे कुछ उपायों पर अमल कर भी सुरक्षित रह सकते हैं :

सुरक्षित पोर्टलों का इस्तेमाल करें :

ऑनलाइन भुगतान के लिए जिस साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है , वह तकनीकी तौर पर सुरक्षित होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो आपके पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक हो सकती है। आपके आंकड़ों का इस्तेमाल कर फर्जी क्रेडिट कार्ड तैयार किया जा सकता है।

साइट का पता टाइप करते समय जरा सी गलती होने पर आप किसी ऐसी फर्जी साइट पर पहुंच सकते हैं , जो ऐसी ही गलतियों का लाभ उठाने के लिए तैयार की गई है। ट्रांजैक्शन से पहले यह देख लें कि आपने साइट का पता सही टाइप किया है।

लॉ फर्म सेठ असोसिएट्स में पार्टनर कर्णिका सेठ का कहना है , ' ऑनलाइन भुगतान करते समय ऐसे पोर्टलों का इस्तेमाल करना चाहिए , जिन पर विश्वास की ईसील हो और पेपल या सीसीएवेन्यू जैसे जांचे - परखे पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया जाता हो

ग्रेच्युटी का फंडा

सैलरी स्लिप में एक राशि ग्रेच्युटी के तौर पर भी देखने को मिलती है। रिटायरमेंट अथवा संस्थान छोड़ते समय कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है। हाल में ग्रेज्युटी की वर्तमान अधिकतम 3.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर दस लाख करने की योजना है। यदि योजना पास हो जाती है तो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अधिक राशि मिलेगी।
किसी कंपनी में लगातार पांच साल या उससे अधिक काम करने के बाद ग्रेच्युटी के तौर पर एकमुश्त करमुक्त राशि कर्मचारी को मिलती है। सरकारी और गैरसरकारी दोनों संगठनों में ग्रेच्युटी दी जाती है। गैरसरकारी संगठन के कर्मचारी ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत आते हैं, जिसमें ऐसे नियुक्तिकर्त्ता जिनके पास पेरोल पर दस से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट अथवा संस्थान छोड़ने की सिथति में ग्रेच्युटी देना अनिवार्य होगा।
सामान्यत: कर्मचारी ग्रेच्युटी की व्यवस्था एक फंड द्वारा करते हैं और मैनेजमेंट को किसी इंश्योरेंस या एक्चुरियल कंपनी को आउटसोर्स कर दिया जाता है। कुछ नियुक्तिकर्त्ता ग्रेच्युटी भुगतान को कॉस्ट टू कंपनी पैकेज के तहत दिखाते हैं, ऐसे में सीटीसी ऑफर में ग्रेच्युटी कटौती देखने को मिलती है क्योंकि नियुक्तिकर्त्ता द्वारा इसे अपने खर्च के तौर पर देखा जाता है।
अमूमन कंपनियों द्वारा बेसिक और महंगाई भत्ते के जोड़ का 4.81 प्रतिशत ग्रेच्युटी के तौर पर काटा जाता है। कुल मिलाकर रिटायरमेंट या संस्थान छोड़ते समय अंतिम माह के वेतन को 26 से भाग कर (चार रविवार छोड़) उसे 15 से गुणा करने पर जो राशि आएगी उसे जितने साल आपने संस्थान में काम किया है उससे गुणा करके ग्रेच्युटी की राशि प्राप्त करते हैं। फिलहाल ग्रेच्युटी बतौर मिलने वाली अधिकतम 3.5 लाख की राशि कर-मुक्त है। ऐसे में यदि नई योजना लागू हो जाती है, तो इसे कर के दायरे में लाने की संभावना है।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि ग्रेच्युटी कर्मचारी का अधिकार है। प्रबंधन इस आधार पर इससे इनकार नहीं कर सकता कि कर्मी को भविष्य निधि और पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई संस्थान किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने से इनकार नहीं कर सकता, क्योंकि संसद द्वारा पारित कानूनी प्रावधान को किसी अनुबंध या अन्य माध्यमों से नकारा नहीं जा सकता। न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी और आर.एम. लोढा की खंडपीठ ने हालिया फैसले में कहा, 'जहां तक ग्रेच्युटी के भुगतान का सवाल है, संबंधित कानूनी प्रावधान अन्य किसी अनुबंध से ऊपर हैं। ग्रेच्युटी पाने के अधिकार को किसी अनुबंध या अन्य माध्यम से खत्म नहीं किया जा सकता।'
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में इलाहाबाद बैंक की इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने बैंक प्रबंधन को सेवानिवृत्त कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने का निर्देश दिया था। बैंक का तर्क था कि कर्मचारी को पेंशन और भविष्य निधि जैसे लाभ दिए गए इसलिए उसे ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि ग्रेच्युटी कुछ विशेष परिस्थितयों में ही रोकी जा सकती है और इसके लिए सरकार की मंजूरी लेनी होगी।

प्राइस अर्निंग क्या है

मूल्य-आय अनुपात का मतलब प्राइस अर्निंग(पीई ) अनुपात से है । यह दरअसल किसी भी शेयर का वैल्यूएशन जानने के लिए सबसे प्राथमिक स्तर का मानक है। दूसरे शब्दों में इसे इस तरह समझा जा सकता है कि यह अनुपात बताता है कि निवेशक किसी शेयर के लिए उसकी सालाना आय का कितना गुना खर्च करने के लिए तैयार हैं। सीधे शब्दों में किसी शेयर का पीई अनुपात दरअसल वर्षों की संख्या है, जिनमें शेयर का मूल्य लागत का दोगुना हो जाता है। जैसे अगर किसी शेयर का मूल्य किसी खास समय में 100 रुपए है और उसकी आय प्रति शेयर 5 रुपए है, तो इसका मतलब यह है कि उसका पीई अनुपात 20 होगा। यानी अगर सारी परिस्थितियां समान हों तो 100 रुपए के शेयर का दाम 20 साल में दोगुना हो जाएगा। यानी उस शेयर का पीई अनुपात उस खास समय में 20 है।

किसी कंपनी के वैल्यूएशन में पीई का क्या महत्व है?

पीई हमें केवल यह बताता है कि बाजार किसी शेयर पर कितना बुलिश या सकारात्मक है। पीई से अपने आप में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए कुछ दूसरे पीई अनुपातों से इसकी तुलना जरूरी होती है। पहला, तो खुद उस कंपनी का पिछले 5-7 साल का ऐतिहासिक पीई। दूसरा, उसी के क्षेत्र में काम करने वाली दूसरी कंपनियों के पीई अनुपात और तीसरा, बेंचमार्क सूचकांक जैसे सेंसेक्स का पीई अनुपात। किसी कंपनी का पीई बहुत ज्यादा होने से दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। पहला, कंपनी को उसके सही मूल्य से बहुत ज्यादा भाव मिल रहा है और इसलिए शेयर महंगा है। दूसरा, बाजार को यह पता है कि आने वाले दिनों में इस कंपनी की वृद्घि दर काफी अधिक रहने वाली है और इसलिए उसके लिए ऊंचे भाव पर भी बोली लगाई जा रही है।
प्राइस अर्निंग आधारित परिसंपत्ति आवंटन से समय के साथ निवेशकों को मिल सकता है बेहतर प्रतिफल। आइए, इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।

सक्रिय निवेशक बेहतरीन शेयरों के चुनाव पर अधिक ध्यान देते हैं। इस दौरान कहीं न कहीं चूक भी हो सकती है। कारोबारी चक्र के कुछ चरणों में, एक वर्ग के रूप में इक्विटी का प्रदर्शन बुरा भी होता है।

वैसे निवेशक जो समय-समय पर विभिन्न परिसंपत्तियों में अपना आवंटन बदलते रहते हैं, उनका प्रदर्शन एक ही परिसंपत्ति वर्ग में निवेश करने वालों की तुलना में बेहतर होता है। परिसंपत्ति आवंटन की नीति स्वभाविक रूप से फंड ऑफ फंड की प्रक्रिया की ओर ले जाती है।

फंड ऑफ फंड के तहत म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश किया जाता है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन डायनामिक पीई रेश्यो फंड (एफटीडीपीई) फंड ऑफ फंड का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। एफटीडीपीई ने पिछले पांच वर्षों में 24 प्रतिशत की सालाना चक्रवृध्दि (सीएजीआर) के हिसाब से प्रतिफल दिया है जबकि निफ्टी ने 25 प्रतिशत सीएजीआर का प्रतिफल दिया है।

हालांकि, एफटीडीपीई का जोखिम समायोजित प्रतिफल अधिकांश विशुध्द इक्विटी फंडों की तुलना में काफी बेहतर रहा है। साल 2008 के दौरान जब बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा था और जब निफ्टी में 55 प्रतिशत की गिरावट आई थी, तब एफटीडीपीई को हुआ अधिकतम घाटा 30.5 प्रतिशत का था। पिछले 12 महीनों में भी इसका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है।

सालाना आधार पर जहां सूचकांक में 22 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, वहीं एफटीडीपीई में 22.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई(इस वर्ग का प्रतिफल 19.2 प्रतिशत था)। एफओएफ की नीति यांत्रिक है। महीने के अंत के निफ्टी के पीई रेश्यो से इसका आवंटन जुड़ा हुआ है। अगर निफ्टी का पीई कम है तो परिसंपत्ति का 100 प्रतिशत तक इक्विटी में लगाया जा सकता है।

पीई रेश्यो बढ़ने की दशा में इक्विटी में निवेश को घटाया जाता है। अगर पीई अधिक होता है तो 100 प्रतिशत परिसंपत्तियों का निवेश ऋण में किया जा सकता है। एक सीमा यह है कि इक्विटी के तहत सभी निवेश फ्रैंकलिन इंडिया ब्लूचिप फंड में किए जाते हैं और ऋण में निवेश के लिए टेम्पलटन इंडिया इनकम फंड को चुना गया है।

इनमें से कोई फंड विशेष नहीं है। ये सभी अपने अपने वर्ग के अनुसार औसत प्रतिफल ही देते हैं। दूसरी बात यह है कि एक वर्ग के रूप में एफओएफ विशुध्द रूप से विशाखित इक्विटी फंडों की तुलना में यादा खर्चीले होते हैं। परिसंपत्ति आवंटन एक नीति की तरह काम करता है। इसकी वजह यह है कि ऐतिहासिक प्रतिफल मीन-प्रतिवर्ती और सामान्यतया वितरित होते हैं।

दीर्घावधि में शेयर बाजार का कारोबार ऐतिहासिक औसत पीई के आस पास होता है और इसका प्रतिफल भी ऐतिहासिक औसत प्रतिफल जैसा होता है। यह जानते हुए कि आम तौर पर वितरित आंकड़ों का व्यवहार कैसा है हम निवेश के कुछ उपयोगी तरीकों की भविष्यवाणी कर सकते हैं।

सितंबर 1999 से निफ्टी का सीएजीआर 13.5 प्रतिशत रहा है इसमें नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही अवधि शामिल हैं। 10 वर्षों का औसत पीई 17.6 प्रतिशत था जबकि मीडियन पीई 17.3 प्रतिशत और मोडल वैल्यू 14 से 15 के बीच रहा है। मानक विचलन 3.5 का था। समसन्य वितरण का नियम कहता है कि वक्त के 68 प्रतिशत में वैल्यूएशन 14 से 21 पीई के बीच रहेगा और 98 प्रतिशत वक्त में पीई 10 से 25 के बीच रहेगा।

इसके अनुसार अगर वैल्यूएशन कम होने पर निफ्टी का कारोबार किया जा रहा है तो इक्विटी में निवेश बढ़ाया जाना चाहिए और इसके विपरीत अगर निफ्टी का कारोबार अधिक वैल्यूएशन पर किया जा रहा है तो इक्विटी में निवेश घटाया जाना चाहिए। हर छह महीने पर एफटीडीपीई के परिसंपत्ति आवंटन का खुलासा किया जाता है।

मार्च 2008 में जब पीई 20.6 था तब इक्विटी में 50 प्रतिशत का आवंटन किया गया था। मार्च 2009 में जब पीई 14.3 प्रतिशत था तो लगभग 90 प्रतिशत परिसंपत्तियों का निवेश इक्विटी में किया गया था। यह माना जा सकता है कि सितंबर 2009 में पीई 22.6 प्रतिशत होने पर इक्विटी की अपेक्षा ऋण में निवेश बढ़ाया जा सकता है। एफटीडीपीई में निवेश करना बेहतर हो सकता है।

यह यांत्रिक पीई आधारित परिसंपत्ति आवंटन की नीति अपनाता है। कोई निवेशक चाहे तो एफटीडीपीई की ही भांति विभिन्न फंडों में अपनी परिसंपत्तियों का आवंटन कर सकता है। विशाखण के कई तरीके हैं।

उदाहरण के लिए, कोई निवेशक 3 या 5 बेहतर प्रदर्शन करने वाले विशाखित इक्विटी फंडों और इनकम फंडों में निवेश कर सकता है या फिर वह मिड-कैप फंडों पर विचार कर सकता है जो बाजार में तेजी के समय निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रतिफल दे सकते हैं।

निवेशक चाहे तो करेंसी या कमोडिटी में भी निवेश कर विविधता ला सकता है। निश्चित ही इस प्रकार के प्रत्येक विशाखण में नया जोखिम समाहित होता है। एफटीडीपीई की नीति से यह स्पष्ट होता है कि इक्विटी में निवेश घटाने का वक्त आ गया है।

यह रुढ़िवादिता लगती है क्योंकि अर्थव्यवस्था में अभी सुधार होना शुरू ही हुआ है। लेकिन एक बात तो साफ हो गई है कि इक्विटी के मूल्य ऐतिहासिक रूप से अधिक हैं। अगर वर्तमान मूल्यांकन सही हैं तो अगले 6 से 12 महीने में आय में जबरदस्त बढ़ोतरी होनी चाहिए।


ट्रेलिंग पीई और अनुमानित पीई क्या हैं?

ट्रेलिंग पीई किसी शेयर की कीमत और पिछले 12 महीनों की उसकी आय के अनुपात को कहते हैं। इसी तरह अनुमानित पीई अगले 12 महीने की अनुमानित आय प्रति शेयर के आधार पर निकाला जाता है।

पीई से किसी शेयर की सही कीमत कैसे तय करें?

अक्सर किसी कंपनी के लिए सारी परिस्थितियां समान नहीं होतीं। कंपनी की आय हर साल या तो बढ़ती है या घटती है। इसके अलावा कंपनी अगर एफपीओ के जरिए नए शेयर बाजार में लाती है तो उससे शेयरों की कुल संख्या में भी बढ़ोतरी होती है। इन सभी का उसकी आय प्रति शेयर पर असर पड़ता है। अगर किसी कंपनी का ऐतिहासिक पीई पिछले पांच साल से 30 रहा हो और एकाएक बाजार की गिरावट के कारण वह 20 के पीई पर मिल रहा हो, तो वह शेयर सस्ता कहा जाएगा। लेकिन अगर वह कंपनी इंफोसिस हो जिसकी आय पर अमेरिका में संभावित मंदी के कारण असमंजस का माहौल बना हो, तो फिर एक नजर में आप 20 के पीई को सस्ता नहीं कह सकते।

देखिये स्मार्टफोन क्या है?

स्मार्टफोन एक प्रकार का मोबाइल फोन है जिसमें उच्चस्तरीय क्षमता, कंप्यूटर-जैसी कार्यप्रणाली मौजूद होती है. हालांकि स्मार्टफोन की उद्योग मान्य परिभाषा नहीं दी जा सकी है.कुछ लोगों के मुताबिक, स्मार्टफोन पूर्णत: ओपरेटिंग सिस्टम पर चलती है. जब अन्य लोग लोग इसे इसे ईमेल, इंटरनेट, ई-बुक रीडर जैसी सुविधाओं वाला फोन मानते हैं, जिसमें उच्च-स्तरीय की-बोर्ड होते हैं. दूसरे शब्दों में एक फोन जो छोटे कंप्यूटर जैसा कार्य करे..

आप जब भी मोबाइल खरीदने जाते होंगे तो स्मार्टफोन शब्द जरूर सुनते होंगे। दरअसल, स्मार्टफोन से मतलब उन फोन से हैं जो पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित होते हैं और किसी ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे विंडोज या किसी दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से चलते हैं। इस फोन में ईमेल, इंटरनेट, ई-बुक रीडर, वाईफाई जैसी सुविधाएं मौजूद होती है, जो आज के आधुनिक युग में हर व्यक्ति की जरुरत बनती जा रही है। इस तरह के हैंडसेट्स में वे सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होती हैं, जो एक कंप्यूटर में होती है। साधारण हैंडसेट में ये तकनीक नहीं होती है। इसके अलावा, स्मार्टफोन में ब्लूटूथ और इंफ्रारेड तकनीक भी इंस्टॉल होती है जिसकी मदद से कोई भी डाटा फ्री में ट्रांसफर किया जा सकता है। मौजूदा कंप्टीशन के दौर में स्मार्टफोन की चाहत दिनों दिन बढती जा रही है जिसके कारण कंपनियां रोज नए स्मार्टफोन बाजार में उतार रही है। 

Sunday, October 24, 2010

ब्ल्यूटुथ


Bluetooth लोगो.
Bluetooth , व्यक्तिगत क्षेत्र नेटवर्क (PANs) बनाते हुए चल व अचल उपकरण से डाटा आदान-प्रदान करने के लिए एक खुला बेतार प्रोटोकॉल है. इसकी कल्पना मूलतः RS232 डेटा केबल के लिए एक वायरलेस विकल्प के रूप में की गई थी. तुल्यकालन की समस्याओं पर काबू पाते हुए यह कई उपकरणों से सम्बन्ध स्थापित कर सकता है.

अनुक्रम

नाम और प्रतीक चिन्ह

शब्द Bluetooth प्राचीन नॉर्स Blátönn या डैनीश Blåtand का, डेन्मार्क के दसवीं शताब्दी के राजा Harald 1 का नाम, जिसने डेन्मार्क की विभिन्न जनजातियों को एक साम्राज्य के रूप में एकीकृत किया, अंग्रेजी रूपांतरण है.
निहितार्थ यह है कि Bluetooth ने संचार प्रोटोकॉलों को एक सार्वभौमिक मानक के रूप में एकीकृत कर के, वही कार्य किया है.[१][२][३]
Bluetooth लोगो जेर्मेनिक चिन्ह H-rune.gif (Hagall) और Runic letter berkanan.svg (Berkanan) का मिला हुआ उत्कीर्ण रूप है.

क्रियान्वयन

Bluetooth एक रेडियो प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है जिसे फ्रीक्वेंसी-हॉपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम कहते हैं, जो भेजे जाने वाले डाटा को कांट-छांट कर उसके टुकडों को 79 आवृत्तियों तक संचारित करता है. इसके मूल रूप में जो अधिमिश्रण है वह गौसियन फ्रिक्वेंसी शिफ्ट कींग (GFSK) है.
यह 1 Mb/s के सकल डाटा दर को प्राप्त कर सकता है. Bluetooth, सुरक्षित और वैश्विक रूप से गैर पंजीकृत औद्योगिक, वैज्ञानिक और चिकित्सकीय (ISM) 2.4 GHz छोटी-दूरी की रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंडविड्थ के प्रयोग से मोबाईल फोन, टेलीफोन, लैपटॉप, व्यक्तिगत कंप्यूटर, प्रिंटर, ग्लोबल पोसिशनिंग सिस्टम (GPS) प्राप्तकर्ता, डिजिटल कैमरा और वीडियो गेम कन्सोल जैसे उपकरणों के मध्य संपर्क स्थापित करने और सूचनाएं आदान-प्रदान करने के लिए एक मार्ग प्रदान करता है. Bluetooth निर्दिष्टीकरण का विकास और पंजीकरण Bluetooth स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप (SIG) द्वारा किया गया है.Bluetooth SIG में दूरसंचार, कम्प्यूटिंग, नेटवर्किंग और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियों का समावेश है.[४]

[संपादित करें] उपयोग

Bluetooth एक मानक और एक संचार प्रोटोकॉल है जो प्रत्येक उपकरण में कम लागत की ट्रान्सीवर माइक्रोचिप्स के आधार पर छोटी परिधि के साथ (ऊर्जा-वर्ग-निर्भर: 1 मीटर, 10 मीटर, 100 मीटर) मुख्यतः कम बिजली खपत के लिए डिज़ाइन किया गया है.[५] Bluetooth इन उपकरणों को जब वे सीमा में होते हैं, एक दूसरे के साथ संवाद करना संभव बनाता है. क्योंकि उपकरण एक रेडियो (प्रसारण) संचार प्रणाली का उपयोग करते हैं, उन्हें एक-दूसरे की नज़रों के सामने होना आवश्यक नहीं.[४]
वर्ग अधिकतम प्राप्त क्षमता
मेगावाट (dBm)
सीमा
(लगभग)
वर्ग 1 100 मेगावाट (20 dBm) ~ 100 मीटर
वर्ग 2 2.5 मेगावाट (4 dBm) ~ 10 मीटर
वर्ग 3 1 मेगावाट (0 dBm) ~ 1 मीटर
अधिकांश मामलों में वर्ग 2 उपकरणों की प्रभावी सीमा बढ़ जाती है अगर वो शुद्ध वर्ग 2 नेटवर्क की तुलना में वर्ग 1 ट्रांसीवर से जुड़ते हैं. यह वर्ग 1 उपकरणों की उच्च संवेदनशीलता और संचरण क्षमता के कारण प्राप्त होता है.
संस्करण डाटा दर
संस्करण 1.2 1 Mbit/s
संस्करण 2.0 + EDR 3 Mbit/s

[संपादित करें] Bluetooth प्रोफाइल

Bluetooth के उपयोग के लिए एक उपकरण का Bluetooth प्रोफाइल के साथ संगत होना आवश्यक है.
ये संभाव्य अनुप्रयोगों और प्रौद्योगिकी के उपयोगों को परिभाषित करता है.

[संपादित करें] अनुप्रयोगों की सूची

एक विशिष्ट bluetooth मोबाइल फोन हेडसेट.
Bluetooth के अधिक प्रचलित अनुप्रयोगों में शामिल है:
  • एक मोबाइल फोन और एक मुक्त-हाथ हेडसेट के बीच संवाद और बिना तार का नियंत्रण.यह लोकप्रिय बनने वाले प्रारंभिक अनुप्रयोगों में से एक था.
  • एक सीमित स्थान में जहां कम बैंडविड्थ की आवश्यकता है PCs के बीच बेतार नेटवर्किंग.
  • PC आगत और निर्गत उपकरणों के साथ बेतार संचार, सबसे आम माउस, की बोर्ड और प्रिंटर.
  • OBEX वाले उपकरणों के बीच फ़ाइलों का स्थानांतरण, संपर्क विवरण, कैलेंडर मुलाकातें, और अनुस्मारक.
  • परीक्षण उपकरण, GPS रिसीवर, चिकित्सा उपकरण, बार कोड स्कैनर और यातायात नियंत्रण उपकरणों में पारंपरिक तारवाले क्रमिक संचार का प्रतिस्थापन.
  • नियंत्रण के लिए, जहां परंपरागत रूप से इन्फ्रारेड उपयोग किया जाता था.
  • कम बैंडविड्थ अनुप्रयोगों के लिए जहां उच्च [USB] बैंडविड्थ की आवश्यकता नहीं है और केबल-मुक्त संपर्क वांछित है.
  • Bluetooth से लैस विज्ञापन होर्डिंगों से अन्य, खोजने लायक, Bluetooth उपकरण को छोटे विज्ञापन भेजना.[तथ्य वांछित]
  • दो औद्योगिक ईथरनेट (जैसे, PROFINET) नेटवर्क के बीच बेतार पुल.
  • दो सातवीं-पीढ़ी के गेम कंसोल, निनटेंडो का Wii[६] और सोनी का प्लेस्टेशन 3, अपने संबंधित वायरलेस नियंत्रकों के लिए Bluetooth इस्तेमाल करते हैं.
  • व्यक्तिगत कंप्यूटर या PDAs पर एक डाटा-सक्षम मोबाइल फोन को एक मॉडेम के रूप में प्रयोग कर डायल-अप इंटरनेट अभिगमन.

[संपादित करें] नेटवर्किंग में Bluetooth बनाम Wi-Fi IEEE 802.11

आजकल के कार्यालयों, घरों में Bluetooth और Wi-Fi के कई अनुप्रयोग हैं, और चलन में है: नेटवर्क की स्थापना, मुद्रण, या प्रस्तुतियों और फाइलों का PDAs से कंप्यूटर में स्थानांतरण. दोनों गैर-पंजीकृत वायरलेस तकनीक के संस्करण हैं.
Wi-Fi स्थिर उपकरण और उसके अनुप्रयोगों के लिए नियत है. अनुप्रयोगों की कोटि WLAN, वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क के रूप में उल्लिखित है.Wi-Fi, कार्य क्षेत्रों में सामान्य स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क पहुँच के लिए केबल के प्रतिस्थापन के रूप में देखा जाता है.
Bluetooth अस्थिर उपकरणों और उसके अनुप्रयोगों के लिए है. अनुप्रयोगों की श्रेणी बेतार निजी क्षेत्र नेटवर्क (WPAN) के रूप में उल्लिखित है. Bluetooth, किसी भी माहौल में विभिन्न तरीकों से किये व्यक्तिगत अनुप्रयोगों के लिए केबल बिछाने का प्रतिस्थापन है.

[संपादित करें] Bluetooth उपकरण

100 मीटर सीमा के साथ एक Bluetooth USB डोंगल.
Bluetooth कई उत्पादों में मौजूद रहता है, जैसे टेलीफोन, Wii, PlayStation 3, Lego Mindstorms NXT और हाल ही में कुछ उच्च तकनीक वाली घड़ियों[तथ्य वांछित], मॉडेम और हेडसेट में. यह तकनीक कम-बैंडविड्थ की स्थिति में एक दूसरे के नजदीक, दो या दो से अधिक उपकरण के बीच जानकारी स्थानांतरित करने में उपयोगी है.Bluetooth का प्रयोग सामान्यतः टेलीफोन के साथ ध्वनि डाटा अंतरण के लिए किया जाता है (यानी, Bluetooth हेडसेट के साथ) या बाइट डाटा को हाथों से नियंत्रित कंप्यूटर के साथ (फ़ाइलों को स्थानांतरित करना).
Bluetooth प्रोटोकॉल खोज और उपकरणों के बीच सेवाओं की स्थापना को सरल बनाता है. Bluetooth उपकरण उन सभी सेवाओं का विज्ञापन कर सकते हैं जो वो प्रदान करते हैं. इससे सेवाओ का उपयोग करना आसान हो जाता है क्योंकि कई अन्य प्रकार के नेटवर्क की तुलना में ज्यादातर सुरक्षा, नेटवर्क का पता और अनुमति विन्यास को स्वचालित किया जा सकता है.

[संपादित करें] Wi-Fi

साँचा:Mainarticle Wi-Fi एक पारंपरिक ईथरनेट नेटवर्क है और साझा संसाधन स्थापित करने के लिए, फाइल संचारित करने के लिए और श्रव्य लिंक स्थापित करने के लिए इसे विन्यास की आवश्यकता है (उदाहरण के लिए, हेडसेट और हस्त-मुक्त उपकरण). Wi-Fi, Bluetooth की तरह ही समान रेडियो आवृत्तियों का उपयोग करता है मगर उच्च शक्ति के साथ, परिणामस्वरूप एक मजबूत संबंध स्थापित करता है.Wi-Fi को कभी-कभी "बेतार ईथरनेट" कहा जाता है. यह विवरण सटीक है यथा यह इसकी सम्बंधित शक्तियों और कमजोरियों का एक संकेत भी प्रदान करता है.WI-FI को अधिक व्यवस्था की आवश्यकता है लेकिन यह पूर्ण-पैमाने के नेटवर्क संचालन के लिए ज्यादा उपयुक्त है; यह तेज संपर्क स्थापित करना, बेस स्टेशन से बेहतर रेंज और Bluetooth से बेहतर सुरक्षा देना संभव बनाता है.

[संपादित करें] कंप्यूटर की आवश्यकताएं

एक विशिष्ट Bluetooth USB डोंगल.
एक आंतरिक नोटबुक Bluetooth कार्ड (14 × 36 × 4 मिमी).
अन्य Bluetooth उपकरणों के साथ बातचीत करने के लिए एक व्यक्तिगत कंप्यूटर में एक Bluetooth अनुकूलक का होना जरुरी है (जैसे मोबाइल फोन, माइस और कीबोर्ड). हालांकि कुछ डेस्कटॉप कंप्यूटर और आधुनिक लैपटॉप अंतर्निर्मित Bluetooth अनुकूलक के साथ आ रहे हैं, दूसरों को डोंगल के रूप में एक बाहरी Bluetooth की आवश्यकता पड़ती है.
अपने पूर्ववर्ती, IrDA, जिसे उपकरण के लिए एक पृथक अनुकूलक की आवश्यकता होती है, से भिन्न Bluetooth कई उपकरणों को एकल अनुकूलक पर एक कंप्यूटर के साथ संवाद करने की अनुमति देता है.

[संपादित करें] ऑपरेटिंग सिस्टम समर्थन

For more details on this topic, see [[{{{१ एन्ड}}}]].
Mac OS X v10.2, जो 2002 में जारी किया गया था, के साथ Apple ने Bluetooth का समर्थन किया है.[७]
Microsoft प्लेटफार्म के लिए, Windows XP सर्विस पैक 2 और बाद में जारी होने वाले में Bluetooth के लिए देशी समर्थन है. पिछले संस्करणों में उपयोगकर्ताओं को अपने Bluetooth अनुकूलक के चालक को, जो Microsoft द्वारा सीधे समर्थित नहीं होते थे, संस्थापित करने की जरुरत पड़ती थी.[८] Microsoft के अपने Bluetooth डोंगल (उनके Bluetooth कंप्यूटर उपकरणों के साथ पैक) में कोई बाह्य चालक नहीं है और इसलिए इसे कम से कम Windows XP सर्विस पैक 2 की आवश्यकता होती है.
Linux में दो लोकप्रिय Bluetooth स्टैक, BlueZ और Affix हैं. अधिकांश Linux केर्नेल के साथ BlueZ[९] सन्निहित होता है और मूलरूप से इसका विकास Qualcomm के द्वारा हुआ था.Affix स्टैक Nokia द्वारा विकसित किया गया था. FreeBSD अपने 5.0 अवतरण से Bluetooth समर्थन उपलब्ध करा रहा है. NetBSD अपने 4.0 अवतरण से Bluetooth समर्थन उपलब्ध करा रहा है. इसके Bluetooth स्टैक को OpenBSD की ओर भी मोड़ा गया है.

[संपादित करें] मोबाइल फोन के लिए आवश्यकताएं

एक मोबाइल फोन जो Bluetooth सक्षम है, कई उपकरणों के साथ जोड़ी बनाने में सक्षम है. विरासती उपकरण समर्थन के साथ विशेषताओं की कार्यक्षमता के विस्तृत समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए ओपन मोबाइल टर्मिनल प्लेटफॉर्म (OMTP) फोरम ने हाल ही में "Bluetooth स्थानीय संपर्क" शीर्षक से एक सिफारिश पेपर प्रकाशित किया है; इस पेपर को डाउनलोड करने के लिए नीचे बाह्य लिंक देखिये.

[संपादित करें] विनिर्देशन और विशेषताएं

Bluetooth विनिर्देशन 1994 में जाप हार्टसेन और स्वेन मेटिसन, जो एरिक्सन मोबाइल प्लेटफार्म के लिए लुंड, स्वीडन में काम कर रहे थे, द्वारा विकसित किया गया.[१०] फ्रीक्वेनसी-हापिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम प्रौद्योगिकी पर विनिर्देशन आधारित है.
Bluetooth स्पेशल इंटेरेस्ट ग्रुप (SIG) द्वारा विनिर्देशों को औपचारिक रूप दिया गया.SIG की औपचारिक घोषणा 20 मई, 1998 को की गई. दुनिया भर में आज करीब 11,000 कंपनियां इसकी सदस्य हैं. यह Ericsson, IBM, Intel, Toshiba, और Nokia द्वारा स्थापित किया गया था और बाद में कई अन्य कंपनियां इसमें शामिल हो गईं.

[संपादित करें] Bluetooth 1.0 और 1.0B

1.0 और 1.0B संस्करण में कई समस्याएं थीं और निर्माताओं को अपने उत्पादों में सामंजस्यता पैदा करने में कठिनाई आ रही थी.अनिवार्य Bluetooth हार्डवेयर डिवाइस एड्रेस (BD_ADDR) संचारण, 1.0 और 1.0B संस्करण में संयोजन प्रक्रिया में (प्रोटोकॉल के स्तर पर गुमनामी को असंभव बनाते हुए), शामिल था, जो Bluetooth वातावरण में उपयोग के लिए योजित कुछ सेवाओं के लिए एक बड़ा झटका था.

[संपादित करें] Bluetooth 1.1

  • IEEE मानक 802.15.1-2002 के रूप में प्रमाणित.
  • 1.0B विनिर्देशन में पाई गई कई त्रुटियों को सुधारा गया.
  • गैर-कूटरूपित चैनलों के लिए अतिरिक्त सहायता.
  • प्राप्त सिग्नल शक्ति संकेतक (RSSI).

[संपादित करें] Bluetooth 1.2

यह संस्करण 1.1 से पार्श्वगामी संगतता बनाए हुए है और प्रमुख संवर्द्धन में निम्नलिखित शामिल हैं:
  • तेज़ संयोजन और खोज
  • अडेप्टिव फ्रीक्वेंसी-हापिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम (AFH) , जो रेडियो फ्रीक्वेंसी के हस्तक्षेप के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को उतार-चढ़ाव के अनुक्रम में भीड़ वाली फ्रीक्वेंसी को नज़रअंदाज़ कर के बेहतर करता है.
  • व्यवहार में उच्च संचरण गति, 1.1 की तुलना में 721 kbit/s तक.
  • इक्स्टेंडेड सिंक्रोनस कनेक्शन (eSCO), जो श्रव्य लिंक की आवाज़ की गुणवता को ख़राब पैकेट के संचरण की अनुमति दे कर बेहतर करता है और समवर्ती डेटा अंतरण को बेहतर समर्थन प्रदान करने के लिए वैकल्पिक रूप से श्रव्य प्रसुप्ति को बढा सकता है.
  • तीन-तार UART के लिए मेजबान नियंत्रक अंतराफलक (HCI) का समर्थन.
  • IEEE मानक 802.15.1-2005 के रूप में प्रमाणित.
  • L2CAP के लिए प्रवाह नियंत्रण और पुनरसंचरण मोड को पेश करना.

[संपादित करें] Bluetooth 2.0

Bluetooth विनिर्देशन का यह संस्करण 10 नवंबर, 2004 को जारी किया गया था. यह पिछले संस्करण 1.2 के साथ पार्श्वगामी संगतता बनाए हुए है. मुख्य अंतर तेजी से डाटा अंतरण के लिए एक वर्धित डाटा दर (EDR) की शुरूआत है. EDR की सांकेतिक दर करीब 3 मेगा बिट्स प्रति सेकेण्ड है, हालांकि व्यावहारिक डाटा अंतरण दर 2.1 मेगा बिट्स प्रति सेकेंड है.[११] अतिरिक्त कार्यक्षमता, डाटा के संचरण के लिए एक अलग रेडियो प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्राप्त की जाती है. मानक, या मूल दर, संचरण 1 Mbit/s के सकल वायु डाटा दर के साथ रेडियो सिग्नल के गौसियन फ्रिक्वेंसी शिफ्ट कींग (GFSK) अधिमिश्रण का उपयोग करता है.EDR दो वेरिएंट, π/4-DQPSK और 8DPSK के साथ GFSK और फेज़ शिफ्ट कींग अधिमिश्रण (PSK) के एक संयोजन का उपयोग करता है. इनका सकल वायु डाटा दर क्रमशः 2, और 3 Mbit/s होता है.[१२]
2.0 विनिर्देशन के अनुसार, EDR निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:
  • तीन गुना संचरण गति - कुछ मामलों में 10 गुना तक[तथ्य वांछित] (2.1 Mbit/s).
  • अतिरिक्त बैंडविड्थ की वजह से बहु युगपत संयोजन में घटी हुई जटिलता.
  • घटे हुए शुल्क चक्र के माध्यम से कम बिजली खपत.
Bluetooth स्पेसल इंटेरेस्ट ग्रुप (SIG) ने विनिर्देशन को "Bluetooth 2.0 + EDR" के रूप में प्रकाशित किया जिसका तात्पर्य है EDR एक वैकल्पिक सुविधा है.EDR के अलावा, 2.0 विनिर्देशन में कुछ अन्य मामूली सुधार हैं, और उत्पाद, बिना उच्च डाटा दर समर्थन के "Bluetooth 2.0" का अनुपालन करने का दावा कर सकते हैं. कम से कम एक वाणिज्यिक उपकरण, HTC TyTN पॉकेट PC फोन अपने डाटा शीट पर "बिना EDR Bluetooth 2.0" दर्शाती है.[१३]

[संपादित करें] Bluetooth 2.1

Bluetooth कोर विनिर्देशन संस्करणः 2.1 की 1.2 के साथ पूरी तरह से पार्श्वगामी संगतता है, और Bluetooth SIG द्वारा 26 जुलाई, 2007 इसे अपनाया गया था.[१२] इस विनिर्देशन में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:
विस्तृत जांच प्रतिक्रिया (EIR)
जांच प्रक्रिया के दौरान संपर्क से पहले उपकरण के बेहतर परिष्कार की अनुमति के लिए अधिक जानकारी प्रदान करता है. इस जानकारी में, उपकरण का नाम, उपकरण समर्थित सेवाओं की एक सूची, जांच प्रतिक्रियाओं के लिए प्रयुक्त संचरण क्षमता स्तर, और निर्माता परिभाषित डाटा शामिल हो सकता है.
स्निफ उप-मूल्यांकन
बिजली की खपत को कम करता है जब उपकरण स्निफ कम बिजली मोड में होते हैं, विशेष रूप से विषम डाटा प्रवाह वाले लिंक पर.मानव अंतराफलक उपकरण (HID) से सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है, माउस और कीबोर्ड उपकरण उनकी बैटरी की उम्र में 3 से 10 गुना तक बढोतरी कर रहे हैं.[तथ्य वांछित] यह उपकरणों को यह फैसला लेने की अनुमति देता है कि वे एक-दूसरे को कीपअलाइव सन्देश देने से पहले कितनी देर इंतजार करेंगें.पिछला Bluetooth कार्यान्वयन, प्रति सेकेण्ड कई बार तक कीप अलाइव सन्देश आवृति को दर्शाता था.इसके विपरीत, 2.1 विनिर्देशन उपकरणों की जोड़ी को आपस में इस मूल्य को हर 5 या 10 सेकेण्ड के अनियमित समय में तय करने की अनुमति देता है.
एन्क्रिप्शन पॉज़/रिज्यूम (EPR)
एक एन्क्रिप्शन कुंजी को Bluetooth मेजबान द्वारा अपेक्षित कम प्रबंधन के साथ परिवर्तित किया जाना सक्षम बनाता है. कूट रूप दिए गए ACL लिंक की भूमिका परिवर्तन के लिए एन्क्रिप्शन कुंजी का बदलाव किया जाना चाहिए या हर 23.3 घंटे (एक Bluetooth दिन) पर ACL लिंक पर एन्क्रिप्शन सक्षम हो जाता है. इस सुविधा के पेश होने से पहले, जब एक एन्क्रिप्शन कुंजी को ताज़ा किया जाता है तो Bluetooth मेजबान को जब तक नई कुंजी उत्पन्न होती है, एनक्रिप्शन में एक संक्षिप्त अंतराल की अधिसूचना दी जायेगी; अतः Bluetooth मेजबान की जरुरत डाटा स्थानांतरण की रूकावट को संभालने के लिए होती थी (हालांकि एन्क्रिप्शन की आवश्यकता वाले डाटा, एन्क्रिप्शन अक्षम की अधिसूचना प्राप्त होने से पहले ही भेजे जा चुके होंगे) EPR के साथ, Bluetooth मेजबान को अंतराल के बारे में अधिसूचित नहीं किया जाता, और Bluetooth नियंत्रक यह सुनिश्चित करता है कि जब तक कुंजी रिफ्रेश की जाती है तो बिना कूट किया हुआ कोई डाटा स्थानान्तरित ना हो.
सामान्य जोड़ी हासिल करना (SSP)
मौलिक रूप से Bluetooth उपकरणों के लिए उपयोग और सुरक्षा की ताकत बढ़ाते हुए जोड़ी के अनुभव को बेहतर बनाता है.ऐसी संभावना है कि यह सुविधा Bluetooth के इस्तेमाल में सार्थक वृद्धि करेगी.[१४]
नीअर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) सहयोग
सुरक्षित Bluetooth संयोजन का स्वतः सृजन जब NFC रेडियो इंटरफ़ेस भी उपलब्ध है. यह कार्यक्षमता SSP का हिस्सा है जहां NFC जोड़ी संबन्धी जानकारी बदलने का एक तरीका है. उदाहरण के लिए, एक हेडसेट को, NFC सहित एक Bluetooth 2.1 फोन के साथ जोड़ी बनाने के लिए सिर्फ दोनों उपकरणों को एक दूसरे के करीब लाना होता है (कुछ सेंटीमीटर). मोबाइल फोन या कैमरे की फोटो को एक डिजिटल फोटो फ्रेम में स्वतः स्थानांतरित करने के लिए मात्र फ़ोन या कैमरे को फ्रेम के नज़दीक लाना एक और उदाहरण है.[१५][१६]

[संपादित करें] Bluetooth 3.0

3.0 विनिर्देशन[१२] Bluetooth SIG द्वारा 21 अप्रैल, 2009 को अपनाया गया. इसकी मुख्य नई विशेषता AMP (वैकल्पिक MAC/PHY) है, एक उच्च गति परिवहन के रूप में 802.11 का संयोजन. AMP: 802.11 के लिए दो प्रौद्योगिकियों को अनुमानित किया गया है, लेकिन UWB विनिर्देश से लापता है.[१७]
वैकल्पिक MAC/PHY
वैकल्पिक MAC और PHY के उपयोग को Bluetooth रुपरेखा डाटा परिवहन के लिए सक्षम करता है.Bluetooth रेडियो अभी भी उपकरण खोज, प्रारंभिक संयोजन और रुपरेखा विन्यास के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जब अधिक मात्रा में डाटा भेजने की जरुरत होती है, तब उच्च गति वैकल्पिक MAC PHY (802.11, आमतौर पर WI-Fi से सम्बंधित) का प्रयोग डाटा परिवहन के लिए होता है. इसका मतलब यह है कि Bluetooth के सिद्ध कम क्षमता संयोजन वाले मॉडल का प्रयोग तब होता है जब प्रणाली बेकार हो, और कम क्षमता प्रति बिट रेडियो का इस्तेमाल तब होता है जब काफी मात्रा में डाटा भेजने कि जरुरत हो.
यूनीकास्ट संयोजन रहित डाटा
बिना एक स्पष्ट L2CAP चैनल की स्थापना किये, सेवा डाटा को भेजे जाने की अनुमति देता है.इसका प्रयोग उन अनुप्रयोगों द्वारा होने की संभावना है जिन्हें उपयोगकर्ता की क्रिया और डाटा के पुनर्संयोजन/संचरण के बीच कम प्रसुप्ति की जरुरत होती है.यह केवल थोड़ी मात्रा के आंकड़ों के लिए उपयुक्त है.
पठित कूटलेखन कुंजी आकार
एक कूटित ACL लिंक पर कूटलेखन कुंजी आकार की पूछताछ की खातिर एक Bluetooth मेजबान के लिए एक मानक HCI आदेश पेश करता है.एक लिंक पर प्रयुक्त कूटलेखन कुंजी आकार की जरुरत SIM एक्सेस प्रोफाइल के लिए होती है, अतः आमतौर पर Bluetooth नियंत्रक एक मालिकाना ढंग से यह सुविधा प्रदान करते थे.अब जानकारी मानक HCI अंतराफलक पर उपलब्ध है.

[संपादित करें] Bluetooth कम ऊर्जा

20 अप्रैल, 2009 को Bluetooth SIG ने अन्य मौजूदा Bluetooth प्रोटोकॉल स्टैक के साथ संगतता वाले, नए Bluetooth कम ऊर्जा को एक पूरी तरह से अतिरिक्त प्रोटोकॉल स्टैक के रूप में प्रस्तुत किया.Wibree और Bluetooth ULP (अल्ट्रा लो पावर) जैसा पूर्ववर्ती नामकरण Bluetooth कम ऊर्जा के अंतिम नामकरण से पुराना हो गया है.
12 जून, 2007 को Nokia और Bluetooth SIG ने एक अति कम बिजली Bluetooth तकनीक के रूप में Wibree के Bluetooth विनिर्देशन का एक हिस्सा होने की घोषणा की.[१८] संभावित उपयोग मामलों में कॉलर ID की जानकारी देती घड़ियां, व्यायाम के दौरान पहनने वाले की हृदय गति की निगरानी रखने वाला खेल सेंसर और चिकित्सा उपकरण शामिल है.चिकित्सा उपकरण कार्य समूह भी इस बाजार को सक्षम बनाने के लिए चिकित्सा उपकरणों की प्रोफ़ाइल और संबंधित प्रोटोकॉल का निर्माण कर रहा है. Bluetooth कम ऊर्जा प्रौद्योगिकी, एक वर्ष तक के बैटरी जीवन वाले उपकरणों के लिए बनाया गया है.

[संपादित करें] भविष्य

प्रसारण चैनल
Bluetooth जानकारी अंक सक्षम बनाता है. यह मोबाइल फोन में Bluetooth को अपनाने के लिए विवश करेगा और ऑब्जेक्ट पुश मॉडल, जो आज सीमित तरीके से उपयोग होता है, के इर्द-गिर्द आधारित होने के बजाय, उपयोगकर्ता के सूचना केंद्र से सूचना खींचने के आधार के इर्द-गिर्द विज्ञापन मॉडल को सक्षम बनाएगा.
संस्थिति प्रबंधन
स्कैटरनेट स्थितियों में जो आजकल अधिक आम होती जा रही हैं, पीकोनेट संस्थितियों के स्वत: विन्यास को सक्षम करता है. यह तकनीक "बस काम करती हुई" बनी रहेगी जबकि इस तकनीक के उपयोगकर्ताओं के लिए यह अदृश्य होगी.
QoS सुधार
उच्च गुणवत्ता में श्रव्य और दृश्य डाटा को संचारित करना सक्षम बनाता है, विशेषतः जब सर्वश्रेष्ठ प्रयास यातायात उसी पिकोनेट में संचारित किया जा रहा हो.

[संपादित करें] AMP के लिए UWB

Bluetooth 3.0 की उच्च गति (AMP) विशेषता 802.11 पर आधारित है, लेकिन AMP तंत्र दूसरे रेडियो के साथ भी प्रयोग करने योग्य होने के लिए बनाया गया था. यह मूलतः UWB के लिए था, पर WiMedia एलायंस ने, समूह जो Bluetooth के लिए संभावित UWB के स्वाद के लिए जिम्मेदार थी, मार्च 2009 में यह घोषणा की कि वह टूट रहा है.
16 मार्च, 2009 को, WiMedia एलायंस ने यह घोषणा की कि वह WiMedia Ultra-wideband (UWB) विनिर्देशों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते में प्रवेश कर रहा है.WiMedia, विकसित किये जा रहे भविष्य के उच्च गति और वर्धित शक्ति वाले कार्यान्वयन सहित सभी वर्तमान और भविष्य विनिर्देशों को Bluetooth स्पेशल इंटेरेस्ट ग्रुप (SIG), बेतार USB प्रवर्तक ग्रुप और USB परिपालक फोरम को स्थानान्तरित करेगा.प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा विपणन और संबंधित प्रशासनिक चीज़ों के सफल समापन के पश्चात, WiMedia एलायंस संचालन करना बंद कर देगा.[१९]

[संपादित करें] तकनीकी जानकारी

[संपादित करें] Bluetooth प्रोटोकॉल स्टैक

"Bluetooth एक परत प्रोटोकॉल वास्तुकला के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें कोर प्रोटोकॉल, केबल प्रतिस्थापन प्रोटोकॉल, टेलीफोनी नियंत्रण प्रोटोकॉल, और दत्तक प्रोटोकॉल शामिल है.[२०] सभी Bluetooth स्टैक के लिए अनिवार्य प्रोटोकॉल हैं: LMP, L2CAP और SDP. इसके अतिरिक्त, ये प्रोटोकॉल लगभग सार्वभौमिक समर्थित हैं: HCI और RFCOMM.

[संपादित करें] LMP (लिंक प्रबंधन प्रोटोकॉल)

दो उपकरणों के बीच रेडियो लिंक के नियंत्रण के लिए प्रयुक्त होता है. नियंत्रक पर लागू किया गया.

[संपादित करें] L2CAP (तर्कसम्मत लिंक नियंत्रण एवं अनुकूलन प्रोटोकॉल)

दो उपकरणों के बीच विभिन्न उच्च स्तर प्रोटोकॉल का उपयोग कर बहुविधि बहु-तार्किक संयोजन के लिए प्रयुक्त. ऑन-एयर पैकेट का विभाजन और पुनः एकीकरण प्रदान करता है.
मूल मोड में L2CAP, 64kB तक का एक पेलोड विन्यास के साथ, डिफ़ॉल्ट MTU के रूप में 672 बाइट के साथ, और अनिवार्य न्यूनतम समर्थित MTU के रूप में 48 बाइट के पैकेट प्रदान करता है.
पुनर्संचरण और बहाव नियंत्रण मोड में L2CAP को विश्वसनीय या समयबद्ध डाटा प्रति चैनल के लिए पुनर्संचरण और CRC जांच संपादित कर के रचा जा सकता है.
Bluetooth कोर विनिर्देशन परिशिष्ट 1, दो अतिरिक्त L2CAP मोड कोर विनिर्देशन में जोड़ता है. ये मोड प्रभावी रूप से मूल पुनर्संचरण और प्रवाह नियंत्रण मोड का विरोध करते है:
  • वर्धित पुनर्संचरण मोड (ERTM): यह मोड मूल पुनर्संचरण मोड का एक उन्नत संस्करण है. यह मोड एक विश्वसनीय L2CAP चैनल प्रदान करता है.
  • स्ट्रीमिंग मोड (SM): बिना पुनर्संचरण या प्रवाह नियंत्रण के यह एक बहुत ही सरल मोड है.यह मोड एक अविश्वसनीय L2CAP चैनल प्रदान करता है.
इनमें से किसी भी मोड में विश्वसनीयता वैकल्पिक और/या Bluetooth BDR/EDR वायु अंतराफलक की निचली परत द्वारा पुनर्संचरण की संख्या के विन्यास और फ्लश टाइमआउट (समय जिसके पश्चात् रेडियो पैकेट को फ्लश करेगा) द्वारा अतिरिक्त गारंटी युक्त है.उचित क्रमबद्धता निचले स्तर द्वारा गारंटीयुक्त है.
केवल ERTM या SM में विन्यस्त L2CAP चैनल AMP तार्किक लिंक पर संचालित किये जा सकते हैं.

[संपादित करें] SDP (सर्विस डिस्कवरी प्रोटोकॉल)

इसका प्रयोग उपकरणों को एक दूसरे की समर्थित सेवाओ को खोजने, और उन से जुड़ने के लिए किन मापदंडों का प्रयोग किया जाय, यह खोजने की अनुमति के लिए किया जाता है.
उदाहरण के लिए, जब एक मोबाइल फोन को Bluetooth हेडसेट के साथ जोड़ा जाता है, तो SDP का प्रयोग यह निश्चित करने के लिए होगा कि कौन सी Bluetooth रूपरेखाएं हेडसेट (हेडसेट रुपरेखा, हस्त-मुक्त रुपरेखा, उन्नत श्रव्य वितरण रुपरेखा अन्य) द्वारा समर्थित हैं और प्रोटोकॉल बहुसंकेतक योजना को उनमे से प्रत्येक के साथ जुड़ने की जरुरत है. हर सेवा एक वैश्विक अनुपम पहचानकर्ता (UUID) द्वारा पहचानी जाती है, सरकारी सेवाओं (Bluetooth रुपरेखा) के साथ आवंटित एक संक्षिप्त रूप UUID (पूरे 128 के बजाय 16 बिट).

[संपादित करें] HCI (मेजबान/नियंत्रक अंतराफलक)

मेजबान स्टैक (जैसे, एक PC या मोबाइल फोन OS) और नियंत्रक (Bluetooth IC) के बीच मानकीकृत संचार.यह मानक मेजबान स्टैक या नियंत्रक IC को न्यूनतम अनुकूलन के साथ अदला-बदली करने की अनुमति देता है.
HCI परिवहन परत मानक कई हैं और प्रत्येक, समान आदेश, घटना और डाटा पैकेट के स्थानान्तरण के लिए एक अलग हार्डवेयर अंतराफलक का प्रयोग करता है.सबसे अधिक इस्तेमाल होता है USB (PC में) और UART (मोबाइल फोन और PDA में) का.
सरल कार्यशीलता (जैसे, हेडसेट) वाले Bluetooth उपकरण में मेजबान स्टैक और नियंत्रक एक ही माइक्रोप्रोसेसर पर लागू किये जा सकते हैं.इस मामले में HCI वैकल्पिक है, हालांकि अक्सर एक आंतरिक सॉफ्टवेयर अंतराफलक के रूप में लागू किया जाता है.

[संपादित करें] RFCOMM (केबल प्रतिस्थापन प्रोटोकॉल)

रेडियो फ्रिक्वेंसी संचार (RFCOMM), केबल प्रतिस्थापन प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग एक आभासी क्रमिक डाटा स्ट्रीम बनाने के लिए किया जाता है. RFCOMM द्विआधारी डाटा परिवहन के लिए प्रदान करता है और Bluetooth आधारबैंड परत के ऊपर EIA-232 (पूर्ववर्ती RS-232) नियंत्रण संकेत की बराबरी करता है.
RFCOMM उपयोगकर्ता को TCP के समान एक सरल विश्वसनीय डाटा प्रवाह प्रदान करता है. यह प्रत्यक्ष रूप से कई टेलीफोनी संबंधित रुपरेखा द्वारा AT आदेशों के लिए एक वाहक के तौर पर प्रयोग किया जाता है साथ ही साथ Bluetooth पर OBEX के लिए एक परिवहन परत के रूप में भी.
कई Bluetooth विनिर्देशन RFCOMM का उपयोग इसके व्यापक समर्थन और अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध API कि वजह से करते है.इसके अतिरिक्त, अनुप्रयोग जो संवाद के लिए क्रमिक पोर्ट का उपयोग करते थे, RFCOMM का उपयोग करने के लिए तुंरत परिवर्तित किये जा सकते हैं.

[संपादित करें] BNEP (Bluetooth नेटवर्क इनकैप्सुलेशन प्रोटोकॉल)

BNEP का प्रयोग एक L2CAP चैनल के माध्यम से दूसरे प्रोटोकॉल स्टैक के डाटा अंतरण के लिए किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र नेटवर्किंग रुपरेखा में IP पैकेट का संचरण है. BNEP, बेतार LAN में SNAP के साथ वैसा ही समान कार्य करता है.

[संपादित करें] AVCTP (श्रव्य/दृश्य नियंत्रण परिवहन प्रोटोकॉल)

रिमोट कंट्रोल रुपरेखा द्वारा AV/C आदेशों को एक L2CAP चैनल पर स्थानान्तरित करने के लिए प्रयुक्त. एक स्टीरियो हेडसेट पर संगीत नियंत्रण बटन इस प्रोटोकॉल का उपयोग संगीत वाद्य को नियंत्रित करने के लिए करते हैं.

[संपादित करें] AVDTP (श्रव्य/दृश्य डाटा परिवहन प्रोटोकॉल)

उन्नत ऑडियो वितरण रुपरेखा द्वारा इसका प्रयोग एक L2CAP चैनल पर स्टीरियो हेडसेट को संगीत भेजने के लिए होता है. दृश्य वितरण रुपरेखा द्वारा उपयोग की संभावना.

[संपादित करें] टेलीफोन नियंत्रण प्रोटोकॉल

टेलीफोनी नियंत्रण प्रोटोकॉल-द्विआधारी (TCS BIN), एक बिट उन्मुख प्रोटोकॉल है जो Bluetooth उपकरणों के बीच कॉल नियंत्रण संकेत को ध्वनि और डाटा कॉल की स्थापना के लिए परिभाषित करता है. इसके अतिरिक्त, "TCS BIN गतिशीलता प्रबंधन प्रक्रिया को Bluetooth TCS उपकरणों के समूह को संभालने के लिए परिभाषित करता है."
TCS-BIN सिर्फ बेतार टेलीफोनी रुपरेखा द्वारा ही उपयोग किया जाता है, जो परिपलकों को आकर्षित करने में विफल रहा है.इस प्रकार यह केवल ऐतिहासिक महत्त्व का है.

[संपादित करें] दत्तक प्रोटोकॉल

दत्तक प्रोटोकॉल अन्य मानक-निर्माता संगठनों द्वारा परिभाषित किया गया है और Bluetooth को, केवल जब आवश्यकता हो, प्रोटोकॉल निर्माण करने की अनुमति देते हुए, Bluetooth के प्रोटोकॉल स्टैक में शामिल किया गया है. दत्तक प्रोटोकॉल में शामिल हैं:
प्वाइंट-टु-प्वाइंट प्रोटोकॉल (PPP)
प्वाइंट-टु-प्वाइंट लिंक पर IP आंकड़ारेख परिवहन के लिए इंटरनेट मानक प्रोटोकॉल.
TCP/IP/UDP
TCP/IP प्रोटोकॉल समूह के लिए आधार प्रोटोकॉल
वस्तु विनिमय प्रोटोकॉल (OBEX)
वस्तुओं के विनिमय, वस्तुओं के लिए मॉडल उपलब्ध कराने और ऑपरेशन प्रस्तुति के लिए सत्र-परत प्रोटोकॉल
वायरलेस एप्लीकेशन इन्वायरमेंट/वायरलेस एप्लीकेशन प्रोटोकॉल (WAE/WAP)
WAE बेतार उपकरणों के लिए एक अनुप्रयोग ढांचा निर्दिष्ट करता है और WAP मोबाइल उपयोगकर्ताओं की पहुंच को टेलीफोनी और सूचना सेवाओं के लिए उपलब्ध कराने के लिए एक खुला मानक है.[२०]

[संपादित करें] संचार और संयोजन

एक स्वामी Bluetooth उपकरण, बेतार प्रयोक्ता समूह में सात उपकरणों के साथ बातचीत कर सकता है.आठ उपकरणों तक का यह नेटवर्क समूह एक पिकोनेट कहलाता है.
एक पिकोनेट एक तदर्थ कंप्यूटर नेटवर्क है, जो Bluetooth तकनीक प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए एक स्वामी उपकरण को सात सक्रिय उपकरणों तक के साथ संबंध रखने की अनुमति देता है.आगे के 255 तक के उपकरण निष्क्रिय या खड़े रह सकते हैं जिन्हें स्वामी उपकरण किसी भी समय सक्रिय स्थिति में ला सकता है.
दिए गए किसी भी समय में, डाटा स्वामी और एक अन्य उपकरण के बीच स्थानांतरित किया जा सकता है, हालांकि वह उपकरण भूमिकाओं में परिवर्तन कर सकता है और गुलाम किसी भी समय स्वामी बन सकता है.स्वामी तेजी से एक उपकरण से दूसरे उपकरण में एक राउंड-रोबिन फैशन में स्थानांतरित होता है.(स्वामी से कई अन्य उपकरणों में युगपत संचरण संभव है लेकिन बहुत उपयोग नहीं किया जाता.)
Bluetooth विनिर्देशन कुछ उपकरणों के एक ही साथ एक पिकोनेट में स्वामी और दूसरे में गुलाम की भूमिका अदा कर के एक सेतु के रूप में कार्य करते हुए, एक स्कैटरनेट बनाने के लिए दो या दो से अधिक पिकोनेट को एक साथ जोड़ने की अनुमति देता है.
कई USB Bluetooth अनुकूलक उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ में IrDA अनुकूलक भी शामिल हैं. सिर्फ Bluetooth गणनाकार और एक कम शक्तिशाली Bluetooth रेडियो अवतार देते हुए, इससे पुराने (पूर्व 2003) Bluetooth अनुकूलक में हालांकि सिर्फ सीमित सेवाएं हैं .इस तरह के उपकरण कंप्यूटर को Bluetooth के साथ लिंक कर सकते हैं, लेकिन वे आधुनिक अनुकूलक कि सेवाओं की तरह कुछ ज्यादा पेश नहीं करते.

[संपादित करें] बेसबैंड त्रुटि संशोधन

Bluetooth सिस्टम में तीन प्रकार के त्रुटि सुधार लागू किये गए हैं,

[संपादित करें] संयोजन स्थापना

कोई भी Bluetooth उपकरण मांगने पर निम्नलिखित जानकारी संचारित करेगा:
  • उपकरण का नाम.
  • उपकरण वर्ग.
  • सेवाओं की सूची.
  • तकनीकी जानकारी, उदाहरण के लिए, उपकरण विशेषताएं, निर्माता, प्रयुक्त Bluetooth विनिर्देशन, घड़ी ऑफसेट.
कोई भी उपकरण संयोजन के लिए अन्य उपकरण की जांच कर सकता है और किसी भी उपकरण को ऐसी जांच का उत्तर देने के लिए संरचित किया जा सकता है.हालांकि, अगर संयोजन का प्रयास कर रहे उपकरण को दूसरे उपकरण का पता मालूम है तो वह सीधे संयोजन के अनुरोध का जवाब हमेशा देता है और यदि अनुरोध किया जाता है तो ऊपर प्रर्दशित सूची की जानकारी संचारित करता है. एक उपकरण की सेवाओं के प्रयोग को जोड़ी या उसके स्वामी की स्वीकृति की जरुरत पड़ सकती है, पर अपने आप में संयोजन किसी भी उपकरण द्वारा शुरू किया जा सकता है और जब तक वह पहुंच के बाहर नहीं हो जाता, बना रह सकता है. कुछ उपकरण एक समय में एक ही उपकरण के साथ जुड़ सकते है, और उनसे संयोजन उन्हें किसी अन्य उपकरण से जुड़ने और जांच में शामिल होने से, जब तक की वो अन्य उपकरण से अलग नहीं हो जाते, रोकता है.
प्रत्येक उपकरण का एक अनुपम 48-बिट पता है. हालांकि ये पते आमतौर पर जांच में नहीं दिखाये जाते.इसके बजाय, दोस्ताना Bluetooth नाम, जो उपयोगकर्ता द्वारा सेट किये जा सकते है उपयोग किये जाते हैं. युगल उपकरणों की सूची में और जब एक अन्य उपयोगकर्ता उपकरणों के लिए जांच करता है तो यह नाम प्रकट होता है.
ज्यादातर फोन के Bluetooth नाम, निर्माता और डिफ़ॉल्ट रूप से फोन के मॉडल पर आधारित होते हैं.ज्यादातर फोन और लैपटॉप केवल Bluetooth नाम दर्शाते हैं और सुदूर उपकरणों की अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है.यह भ्रमित करने वाला हो सकता है, उदाहरण के लिए, T610 (Bluejacking देखिये) नाम के कई फोन सीमा में हो सकते हैं.

[संपादित करें] युग्मन

उपकरणों की जोडियां, लिंक कुंजी के नाम से साझा रहस्य रच कर रिश्ता स्थापित कर सकती हैं, इस प्रक्रिया को युग्मन के नाम से जाना जाता है.यदि एक लिंक कुंजी दोनों उपकरणों द्वारा संग्रहित है तो उन्हें अनुबद्ध कहा जाता है.एक उपकरण जो सिर्फ अनुबद्ध उपकरण के साथ बातचीत करना चाहता है वह दूसरे उपकरण की पहचान को कूट लेखन के आधार पर प्रमाणित कर सकता है, और इस प्रकार वह सुनिश्चित कर सकता है कि यह वही उपकरण है जिसके साथ उसने पहले जोड़ी बनाई थी. एक बार एक लिंक कुंजी उत्पन्न होने के बाद, उपकरणों के बीच एक प्रमाणीकृत ACL लिंक को कूट रूप दिया जा सकता है ताकि डाटा जिसका उन्होंने वायु तरंगों पर विनिमय किया था वह प्रछ्छन्न श्रवण के खिलाफ सुरक्षित रहे. लिंक कुंजियां किसी भी समय दोनों उपकरणों द्वारा मिटाई जा सकती हैं, दोनों में से किसी भी उपकरण द्वारा यदि यह किया जाता है तो यह निःसंदेह उपकरणों के बीच के जोड़ को समाप्त कर देगा; तो यह संभव है कि एक उपकरण लिंक कुंजि को सुरक्षित रखे मगर इस बात का ज्ञान ना हो कि वह लिंक कुंजी से जुड़े उपकरण से अब आबद्ध नहीं है.
Bluetooth सेवाओं को आमतौर पर कूटलेखन या प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है, , वैसे तो दूरस्थ उपकरण को दी गई सेवा का उपयोग करने की अनुमति देने से पहले जोड़ी की आवश्यकता होती है. कुछ सेवाएं, जैसे ऑब्जेक्ट पुश प्रोफ़ाइल, कूटलेखन या प्रमाणीकरण की स्पष्ट रूप से जरुरत ना पड़ने का चुनाव करती हैं ताकि युग्मन इस सेवा के प्रयोग से जुड़े मामलों में उपयोगकर्ता के अनुभव के साथ हस्तक्षेप नहीं करे.
Bluetooth 2.1 में सुरक्षित सामान्य युग्मन की शुरुआत से युग्मन तंत्र महत्वपूर्ण रूप से बदल गए हैं. युग्मन तंत्र को निम्नलिखित संक्षेपित करता है:
  • विरासत युग्मन : यह Bluetooth 2.1 से पहले एकमात्र उपलब्ध विधि है. प्रत्येक उपकरण को एक PIN कोड दर्ज करना होगा, युग्मन तभी सफल होगा जब दोनों उपकरण एक ही PIN कोड दर्ज करें.कोई भी 16-अंकों की ACSII स्ट्रिंग एक PIN कोड के रूप में प्रयुक्त हो सकती है, हालांकि हो सकता है सभी उपकरण सभी संभव PIN कोड दर्ज करने में सक्षम ना हों.
    • सीमित निवेश उपकरण : इस वर्ग के उपकरण का स्पष्ट उदाहरण एक हस्त-मुक्त Bluetooth हेडसेट है, जिसमें आम तौर पर थोड़ी निविष्टियां है.इन उपकरणों में आम तौर पर एक निर्दिष्ट PIN होता है, उदाहरण के लिए "0000" या "1234", जो उपकरण में पैबस्त-कोड होता है.
    • अंकीय निवेश उपकरण : मोबाइल फोन इन उपकरणों का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. ये उपयोगकर्ता को एक 16 अंकों तक लम्बी एक संख्यात्मक मूल्य प्रवेश करने की अनुमति देते हैं.
    • अल्फा-अंकीय निवेश उपकरण : PC और स्मार्टफ़ोन इन उपकरणों के उदाहरण हैं. ये उपयोगकर्ता को PIN कोड के रूप में एक पूर्ण ASCII पाठ दर्ज करने की अनुमति देते हैं.यदि एक कम सक्षम उपकरण के साथ युग्मन हो रहा हो तो उपयोगकर्ता को अन्य उपकरण पर निवेश सीमाओं के बारे में पता होना चाहिए, एक सक्षम उपकरण के लिए कोई तंत्र उपलब्ध नहीं है जिससे वह एक उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किये जा सकने वाले उपलब्ध निवेश को निर्धारित कर सके.
  • सुरक्षित सामान्य युग्मन : यह Bluetooth 2.1 द्वारा अपेक्षित है. एक Bluetooth 2.1 उपकरण केवल विरासत युग्मन का उपयोग एक 2.0 या पुराने उपकरण के साथ सामंजस्यता बैठाने के लिए कर सकता है.सुरक्षित सामान्य युग्मन, एक प्रकार की सार्वजनिक कुंजी कूटलेखन का उपयोग करता है और उसकी कार्यवाही के निम्नलिखित तरीके हैं:
    • बस काम करता है : जैसा कि नाम से गर्भित है, यह तरीका बस काम करता है. उपयोगकर्ता अंतःक्रिया की आवश्यकता नहीं है, तथापि, एक उपकरण युग्मन प्रक्रिया की पुष्टि करने के लिए उपयोगकर्ता को उकसा सकता है. यह प्रक्रिया आम तौर पर बहुत सीमित IO क्षमताओं के साथ हेडसेट द्वारा प्रयोग की जाती है, और निर्दिष्ट PIN तंत्र से जो इस सेट के सीमित उपकरणों के लिए विशिष्ट है, ज्यादा सुरक्षित है.यह विधि मध्य में व्यक्ति (MITM) नहीं सुरक्षा प्रदान करती है.
    • अंकीय तुलना : यदि दोनों उपकरणों में प्रदर्श है और उनमें से कम से कम एक द्विआधारी उपयोगकर्ता निवेश हां/नहीं स्वीकार कर सकता है, तो वे अंकीय तुलना का प्रयोग कर सकते हैं.यह विधि एक 6-अंकों की अंकीय कोड प्रत्येक उपकरण पर प्रदर्शित करती है. उपयोगकर्ता को उन संख्याओं की तुलना ये सुनिश्चित करने के लिए कि वे समान हैं करनी चाहिए.यदि तुलना सफल होती है, तो प्रयोक्ता(ओं) को उपकरण(णों) पर जो निवेश स्वीकार कर सकते हैं, युग्मन की पुष्टि करनी चाहिए. यह मानते हुए कि उपयोगकर्ता दोनों उपकरणों पर पुष्टि करता है और वास्तव में ठीक तरह से तुलना करता है, यह विधि MITM संरक्षण प्रदान करती है.
    • पासकुंजी प्रवेश : यह विधि एक प्रदर्श वाले उपकरण और एक अंकीय कुंजीपैड प्रवेश वाले उपकरण (जैसे एक कुंजीपटल), या दो अंकीय कुंजीपैड वाले उपकरणों के बीच प्रयोग किया जा सकता है. पहले मामले में, प्रदर्श का उपयोग एक 6 अंकों के अंकीय कोड को उपयोगकर्ता को दिखाने के लिए होता है जो उसके बाद उस कोड को कुंजीपैड पर दर्ज करता है.दूसरे मामले में, प्रत्येक उपकरण के उपयोगकर्ता एक ही 6 अंकों की संख्या दर्ज करते हैं.दोनों ही मामले MITM संरक्षण प्रदान करते हैं.
    • बैंड के बाहर (OOB): युग्मन प्रक्रिया में प्रयुक्त कुछ जानकारियों को आदान-प्रदान करने के लिए यह विधि संचार के बाह्य तरीकों का इस्तेमाल करती है (जैसे NFC). Bluetooth रेडियो का उपयोग करते हुए युग्मन पूरा हो जाता है, लेकिन OOB तंत्र से जानकारी की आवश्यकता रहती है. इससे MITM सुरक्षा का केवल वही स्तर प्राप्त होता है जो OOB तंत्र में मौजूद है.
निम्न कारणों से SSP आसान माना जाता है:
  • ज्यादातर मामलों में, उपयोगकर्ता द्वारा एक पासकुंजी उत्पन्न करने की इसे आवश्यकता नहीं होती.
  • प्रयुक्त-मामले जिन्हें MITM की जरुरत नहीं होती, उपयोगकर्ता संपर्क समाप्त कर दिया गया है.
  • संख्यात्मक तुलना के लिए, MITM सुरक्षा उपयोगकर्ता द्वारा एक सरल समानता तुलना से प्राप्त की जा सकती है.
  • NFC के साथ OOB का प्रयोग युग्मन को सक्षम करेगा जब एक लंबी खोज प्रक्रिया की आवश्यकता की बजाय उपकरण बस पास आ जाते हैं.

[संपादित करें] सुरक्षा प्रयोजन

Bluetooth 2.1 से पहले कूटलेखन की आवश्यकता नहीं होती है और किसी भी समय बंद की जा सकती है.इसके अलावा कूटलेखन कुंजी केवल लगभग 23.5 घंटे के लिए ही अच्छी है; एक कूटलेखन कुंजी का इस समय से ज्यादा प्रयोग सरल XOR हमलों को कूटलेखन  कुंजी को पुनः प्राप्त करने की अनुमति देता है.
  • कई सामान्य कार्यों के लिए कूटलेखन को बंद करने की जरुरत होती है, अतः यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि कूटलेखन एक वैध कारण से अक्षम है या एक सुरक्षा हमले के लिए.
  • Bluetooth 2.1 निम्नलिखित तरीकों से इसे संभालता है:
    • कूटलेखन सभी गैर SDP (सेवा डिस्कवरी प्रोटोकॉल) संयोजन के लिए आवश्यक है
    • एक नए कूटलेखन रोकें और चालू सुविधा सभी सामान्य आपरेशन कूटलेखन की आवश्यकता के लिए प्रयोग किया जाता है निष्क्रिय किया जाना है. यह सुरक्षा हमलों से सामान्य ऑपरेशन की आसान पहचान देता है.
    • कूटलेखन कुंजी को अयोग्य होने से पहले ताजा करने की जरुरत होती है.
लिंक कुंजी को उपकरण फाइल प्रणाली पर संरक्षित करना चाहिए और ना कि Bluetooth चिप पर ही.कई Bluetooth चिप निर्माता लिंक कुंजी को उपकरण पर संरक्षित करने की अनुमति देते हैं; फिर भी यदि उपकरण हटाए जाने योग्य है तो इसका मतलब यह है कि लिंक कुंजी भी उपकरण के साथ चलनशील होगी.

[संपादित करें] एयर इंटरफेस

यह प्रोटोकॉल लाईसेंस-मुक्त ISM बैंड में 2.4-2.4835 GHz पर संचालित होता है. अन्य प्रोटोकॉल के साथ जो 2.45 GHz बैंड का उपयोग करते हैं, हस्तक्षेप से बचने के लिए Bluetooth प्रोटोकॉल, बैंड को 79 चैनलों में (प्रत्येक 1 MHz चौड़ी) विभाजित करता है और चैनल को प्रति सेकेण्ड में 1600 बार परिवर्तित करता है.संस्करण 1.1 और 1.2 के साथ क्रियान्वयन 723.1 kbit गति तक पहुंचता है.संस्करणः 2.0 क्रियान्वयन, Bluetooth वर्धित डाटा दर (EDR) पेश करता है और 2.1 Mbit/s तक पहुंचता है. तकनीकी तौर पर, संस्करण 2.0 उपकरणों में एक उच्च उर्जा की खपत है मगर 1.x उपकरणों कि तुलना में प्रभावी रूप से उर्जा की खपत को आधा करते हुए तीन गुना तेज दर संचरण समय को कम कर देती है.

[संपादित करें] सुरक्षा

[संपादित करें] अवलोकन

Bluetooth, SAFER+ ब्लॉक बीजलेख पर आधारित कस्टम कलनविधि के साथ गोपनीयता, प्रमाणीकरण और कुंजी व्युत्पत्ति औजार क्रियान्वित करता है. Bluetooth में, कुंजी उत्पत्ति सामान्यतः एक Bluetooth PIN पर आधारित है, जो दोनों उपकरणों में दर्ज होना चाहिए. यह प्रक्रिया संशोधित की जा सकती है अगर दोनों में से एक उपकरण में एक निर्दिष्ट PIN हो (उदहारण के लिए, हेडसेट के लिए या सीमित उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस वाले इसी तरह के उपकरणों के लिए) युग्मन के दौरान, E22 एल्गोरिथ्म का उपयोग कर के एक प्रारंभीकरण कुंजी या स्वामी कुंजी उत्पन्न होती है.[२१] E0 स्ट्रीम बीजलेख, गोपनीयता प्रदान करते हुए पैकेटों के कूटलेखन के लिए प्रयुक्त होता है, और यह एक साझा कूटलेखीय रहस्य, अर्थात एक पहले से उत्पन्न लिंक कुंजी या स्वामी कुंजी, पर आधारित है. वे कुंजियां जो एयर इंटरफेस मार्ग से डाटा के अनुवर्ती कूटलेखन के लिए प्रयुक्त होती हैं, Bluetooth पिन, जो एक या दोनों उपकरणों में दर्ज किया गया है,पर निर्भर करती हैं.
Bluetooth कमज़ोरियां शोषण का एक अवलोकन एन्द्रेआज़ बेकर द्वारा प्रकाशित किया गया है.[२२]
सितंबर 2008 में राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIST) ने Bluetooth सुरक्षा पर एक गाइड प्रकाशित की, जो Bluetooth की सुरक्षा क्षमताओं और Bluetooth तकनीकों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए संगठनों के लिए संदर्भ के रूप में काम करेगी. हालांकि Bluetooth के अपने फायदे हैं, यह, सेवा से नकार हमलों, प्रछ्छन्न श्रवण, मध्य-में-व्यक्ति हमलों, संदेश संशोधन, और संसाधन दुर्विनियोजन के प्रति संवेदनशील है. उपयोगकर्ता/संगठनों को अपने जोखिम उठाने के स्तर का मूल्यांकन जरुर करना चाहिए और सुरक्षा को Bluetooth उपकरणों के जीवन चक्र में शामिल करना चाहिए.जोखिमों को कम करने में मदद के लिए NIST दस्तावेज में शामिल है दिशानिर्देश सहित सुरक्षा जांच की सूची और सुरक्षित Bluetooth पिकोनेट, हेडसेट और स्मार्ट कार्ड पाठक के निर्माण और संरक्षण के लिए सिफारिशें.[२३]

[संपादित करें] ब्लूजैकिंग

एक उपयोगकर्ता द्वारा दूसरे बेखबर उपयोगकर्ता को Bluetooth बेतार तकनीक के माध्यम से एक चित्र या एक संदेश भेजने को ब्लूजैकिंग कहते हैं. आम अनुप्रयोगों में छोटे संदेश शामिल हैं (जैसे, "आपको अभी-अभी ब्लूजैक किया गया है!"). [२४] ब्लूजैक में उपकरण से किसी डाटा का मिटना या परिवर्तित होना शामिल नहीं है.

[संपादित करें] सुरक्षा प्रयोजनों का इतिहास

[संपादित करें] 2001

2001 में, बेल लेबोरेटरीज के जैकबसन और वेत्सेल ने Bluetooth के युग्मन प्रोटोकॉल में दोष खोजा, और कूटलेखन योजना में कमज़ोरियों को चिन्हित भी किया.[२५]

[संपादित करें] 2003

नवंबर 2003 में, AL डिजिटल Ltd. के बेन और एडम लॉरी ने खोजा कि Bluetooth सुरक्षा में गंभीर खामी व्यक्तिगत आंकड़ो का खुलासा कर सकती है.[२६] हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सुरक्षा की सूचित समस्याएं, प्रोटोकॉल की बजाय Bluetooth के कुछ ख़राब क्रियान्वयन से सम्बंधित थीं.
एक अनुवर्ती प्रयोग में trifinite.ग्रुप के मार्टिन हरफुर्ट दुनिया को इस समस्या के महत्व को दिखाते हुए CeBIT फेयरग्राउंड पर एक क्षेत्र परीक्षण करने में सफल रहे.ब्लूबग नाम का एक नया हमला इस प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया गया.[२७] Bluetooth संचार की सुरक्षा पर उठाइ गई चिंताओं में से यह एक है.

[संपादित करें] 2004

2004 में Bluetooth का उपयोग कर मोबाइल फोन के बीच फैलने वाला पहला आरोपित वायरस सिम्बियन OS पर दिखा.[२८] यह वायरस सबसे पहले कास्पेर्सकी लैब द्वारा परिभाषित किया गया और अपने फैलाव से पहले यह उपयोगकर्ता से अज्ञात सॉफ्टवेयर की संस्थापना की पुष्टि करने की अपेक्षा करता है.यह वायरस "29A" नाम के एक वायरस लेखक समूह द्वारा एक अवधारणा-का-सबूत लिखा गया और इसे वायरस विरोधी समूहों को भेजा गया.अतः, इसे Bluetooth या सिम्बियन OS सुरक्षा के लिए एक संभावित (लेकिन वास्तविक नहीं) खतरा मानना चाहिए क्यूंकि यह वाइरस इस प्रणाली के बाहर कभी नहीं फैला.
अगस्त 2004 में एक विश्व रिकार्ड कायम करने वाले प्रयोग (Bluetooth स्निपिंग भी देखिये) ने यह दिखाया कि क्लास 2 Bluetooth रेडियो की सीमा को दिशात्मक एंटेना और संकेत ऐम्प्लीफायर द्वारा 1.78 की.मी. तक बढ़ाया जा सकता है.[२९] इसमें सुरक्षा को एक संभावित खतरा है क्योंकि यह हमलावरों को उम्मीद से परे एक दूरी से संवेदनशील Bluetooth उपकरणों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है.संपर्क स्थापित करने में हमलावर को शिकार की ओर से जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए. एक Bluetooth उपकरण के खिलाफ कोई हमला तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि हमलावर को Bluetooth का पता और संचारित किये जाने वाले चैनल कि जानकारी न हो.

[संपादित करें] 2005

जनवरी 2005 में, लास्को.A के नाम से जाना जाने वाला एक मोबाइल खराबी कीड़े ने सिम्बियन OS (सीरीज 60 प्लेटफॉर्म) का प्रयोग करने वाले Bluetooth-युक्त उपकरणों से मोबाईल फोन को स्वयं को विस्तारित और अन्य उपकरणों में फैलने के लिए निशाना लगाना शुरू किया.यह कीड़ा स्वयं-संस्थापित होने वाला है और एक बार मोबाइल उपयोगकर्ता के एक अन्य उपकरण से (velasco.sis) फ़ाइल के हस्तांतरण की मंजूरी देने के बाद शुरू हो जाता है.एक बार संस्थापित होने के बाद यह कीड़ा दूसरे Bluetooth-उपकरणों को संक्रमित करने के लिए तलाश शुरू कर देता है.इसके अतिरिक्त यह कीड़ा अलग किये जा सकने वाले संचार (सुरक्षित डिजिटल, कम्पैक्ट फ्लैश, आदि) का प्रयोग कर दूसरे उपकरण पर प्रतिकृति बनाते हुए उपकरण में अन्य .SIS फाईलों को संक्रमित करता है. यह कीड़ा मोबाइल उपकरण को अस्थिर कर सकता है.[३०]
अप्रैल 2005 में, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सुरक्षा शोधकर्ताओं ने वाणिज्यिक Bluetooth उपकरणों के मध्य PIN आधारित युग्मन के खिलाफ निष्क्रिय हमलों के वास्तविक क्रियान्वयन के अपने निर्णयों को प्रकाशित किया और ये पुष्ट किया कि हमले व्यावहारिक रूप से तेज़ हैं और Bluetooth समरूप कुंजी स्थापना विधि कमज़ोर है. इस कमज़ोरी को ठीक करने के लिए उन्होंने एक क्रियान्वयन शुरू किया जिसने यह दिखाया कि मज़बूत, समरूप महत्वपूर्ण स्थापना कुछ वर्गों के उपकरणों के लिए संभव है, जैसे मोबाईल फोन.[३१]
Bluetooth लिंक के लिए पिन प्राप्त करने के लिए निष्क्रिय और सक्रिय दोनों विधियों का वर्णन करते हुए जून 2005 में यानिव शाकेद और अविशाई वूल ने एक पेपर प्रकाशित किया.निष्क्रिय हमला एक उपयुक्त लैस हमलावर को संचार पर प्रछ्छन्न श्रवण और पैरोडी, यदि हमलावर प्रारंभिक युग्मन के समय उपस्थित था, की अनुमति देता है. यह सक्रिय विधि, स्वामी और गुलाम को युग्मन प्रक्रिया को दोहराने के लिए एक विशेष रूप से निर्मित संदेश जो प्रोटोकॉल में एक खास बिंदु पर डाला जाना चाहिए, का उपयोग करती है. उसके बाद, पहली विधि को PIN भेदन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस हमले की प्रमुख कमजोरी है कि इसे उपकरणों के उपयोगकर्ता को हमले के तहत लाने की जरुरत होती है ताकि वह उस PIN में पुनर्प्रवेशित हो सके जब उसे उपकरण ऐसा करने के लिए उकसाए.चूंकि वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध अधिकांश Bluetooth उपकरण अपेक्षित समयावधि में सक्षम नहीं हैं, इस सक्रिय हमले को शायद कस्टम हार्डवेयर की आवश्यकता होती है.[३२]
अगस्त 2005 में इंग्लैंड के कैम्ब्रिजशायर में पुलिस ने, चोरों द्वारा Bluetooth सक्षम उपकरणों का उपयोग कार में रखे हुए अन्य उपकरणों को खोजने के लिए किये जाने के बारे में चेतावनी जारी की. पुलिस उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने की सलाह दे रही है कि कोई भी मोबाइल नेटवर्क कनेक्शन निष्क्रिय कर दिया जाता है यदि लैपटॉप और अन्य उपकरणों को इस तरह छोड़ा जाता है.[३३]

[संपादित करें] 2006

अप्रैल 2006, में सुरक्षित नेटवर्क और F-Secure के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जो दृश्य अवस्था में छोड़े़ गए बड़ी संख्या में उपकरणों संबधित चेतावनी देती है, और विभिन्न Bluetooth सेवाओं के प्रसार और किसी अंतिम Bluetooth कीड़े के प्रसार की आसानी पर आंकड़े जारी किये.[३४]

[संपादित करें] 2007

अक्टूबर 2007 में लग्ज़म्बर्गिश Hack.lu सुरक्षा सम्मेलन में, केविन फिनिस्टेरे और थीअरी ज़ोलर ने प्रर्दशित किया और एक दूरस्थ रूट शेल को Bluetooth के ज़रिये Mac OS X v10.3.9 and v10.4 पर छोड़ दिया. उन्होंने पहला Bluetooth PIN और लिंकेस क्रैकर भी प्रर्दशित किया, जो वूल और शाकेद के शोध पर आधारित है.