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Monday, March 8, 2010

ऑरकुट कैसे बना क्या आप जानते हैं




विशेष: आलेख
सहयोग - दीपक कुमार जोशी
थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़
ऑरकुट आज दुनिया की एक ऐसी वेबसाइट जिसे दुनिया का बच्चा-बच्चा जानता है। यही नहीं दुनिया में इंटरनेट तक पहुंच रखने वाला हर व्यक्ति दिन में एक न एक बार ऑरकुट को ज़रूर लॉगिन करता है। ऑरकुट एक ऐसी बेवसाइट जिसे दोस्तों का वेबसाइट कहा जाता है, लोगों को जोड़ने का काम करता है ऑरकुट, बिछड़े हुए लोगों को ढूंढने का काम करता है ऑरकुट। नामुमकिन को मुमकिन बना देता है ऑरकुट।
ऑरकुट का नाम ऑरकुट कैसे पड़ा, क्या आप जानते हैं? क्या है ऑरकुट, कैसे बना ऑरकुट, इसके पीछे कहानी क्या है? अगर आपके पास इन सवालों का जवाब नहीं हैं और अगर आप ऑरकुट के बारे में जानना चाहते हैं, तो आइये हम आज आप को ऑरकुट की कहनी बताते हैं
आप फोटो में जिस व्यक्ति को देख रहे हैं, उसका नाम है ऑरकुट ब्युक्कोटन। जी हां यही हैं ऑरकुट " के जनक, और इसे लोकप्रिय बनाने वाले। तुर्की के रहने वाले ऑरकुट ब्युक्कोटन पेशे से एक साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। ऑरकुट वेबसाइट "बनने" की कहानी किसी हिंदी मसालेदार फिल्मों से कम नहीं है। एक ट्रेन दुर्घटना में ऑरकुट ब्युक्कोटन की गर्लफ्रेंड उनसे बिछुड़ गयी। इस ट्रेन दुर्घटना में कई लोग मारे गये और कुछ लापता हो गये। जो लोग इस दुर्घटना में मारे गये उस सूची में ऑरकुट ब्युक्कोटन की गर्लफ्रेंड का नाम नहीं था। ऑरकुट ब्युक्कोटन ने अपनी गर्लफ्रेंड को वेबसाइट के जरिए ढूंढने का फैसला किया। इसके लिए वेबसाइट डेव्लर्पस को किराये पर लेकर एक ऐसी वेबसाइट बनाने का फैसला किया, जिससे पूरी दुनिया में वे अपनी गर्लफ्रेंड को ढूंढ सके। इस योजना पर काम शुरू हुआ और वेबसाइट का नाम ऑरकुट रखा गया। तीन साल के लंबे समय और लाखों डॉलर खर्च करने के बाद ऑरकुट ब्युक्कोटन को अपनी गर्लफ्रेंड मिल गयी। उसके बाद ऑपरेशन को यहीं पर रोक दिया गया।
यहीं से ऑरकुट का यू टर्न शुरू होता है। इस बीच गूगल के सीईओ को इस अनोखी बेवसाइट के बारे में पता चला, जिसका नाम “ऑरकुट” था। इस सॉफ्टवेयर के जरिए एक साल में ही एक बीलियन डॉलर की शुद्ध कमाई हुई। बाद में गूगल ने ऑरकुट ब्युक्कोटन से वेबसाइट को शर्तों के साथ खरीद लिया। गूगल, ऑरकुट ब्युक्कोटन को आज भारी-भरकम राशि देता है। जिसकी पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। गूगल के अधिकरण के बाद भी ऑरकुट ब्युक्कोटन आज अपने 13 सहयोगियों के साथ अपनी वेबसाइट पर नज़र भी रखते हैं। आठ ऐसे व्यक्ति हैं, जो स्क्रैप और दोस्तों की सूची पर नज़र रखते हैं। ऑरकुट ब्युक्कोटन को रोजाना बीस हजार दोस्त बनाने का निवेदन प्राप्त होता है, और पचासी हजार स्क्रैप। कहा जा रहा है कि 2009 के अंत तक ऑरकुट ब्युक्कोटन दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हो जाएंगे।
ऑरकुट ब्युक्कोटन को दुनिया का सबसे रहीश व्यक्ति बनने का अनुमान ऐसे ही नहीं लगाया जा रहा है। बल्कि इसके पीछे ठोस कारण है। गूगल ऑरकुट ब्युक्कोटन को, ऑरकुट वेबसाइट पर प्रत्येक व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन के हिसाब से 12 डॉलर देता है। कोई व्यक्ति जब किसी को मित्र बनाता है उसके लिए 10 डॉलर, 8 डॉलर मिलता है जब कोई किसी मित्र के जरिए मित्र बनता है, 5-डॉलर जब आप किसी को स्क्रैप भेजते हैं, और जब कोई किसी अमुक व्यक्ति को स्क्रैप भेजता है उसके लिए 4-डॉलर प्रति ब्यक्ति के हिसाब से गूगल ऑरकुट ब्युक्कोटन को अदा करता है। लेन-देन का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं हो जाता। गूगल ऑरकुट को 200 डॉलर प्रति फोटोग्राफ डाउनलोड करने पर, 1.5 डॉलर जब कोई किसी को फैन बनाता है, 2.5 डॉलर जब कोई किसी अपने दोस्त को हॉट लिस्ट में स्थान देता है, 1 डॉलर जब कोई ऑरकुट से लॉग आउट करता है, 0.5 डॉल प्रोफाइल फोटोग्राफ को बदलने पर 0.5 डॉलर प्रत्येक बार अपने दोस्त की स्क्रैप पढ़ने पर और 0.5 डॉलर प्रत्येक बार अपने दोस्त की दोस्त सूची देखने के लिए देता है। यह प्रति व्यक्ति, प्रत्येक लॉगिन और लॉग आउट का हिसाब-किताब है। जब मां लक्ष्मी की इतनी महान कृपा किसी व्यक्ति पर हो तो उसे कुबेर बनने से भला कौन रोक सकता है!
अब आप को बताते हैं कि ऑरकुट कितना देखा जाता है। गूगल द्वारा ऑरकुट का 22 जनवरी 2004 को शर्तों के आधार पर अधिग्रहण करने के बाद, अगस्त 2007 में नये साज-सज्जा और कलेवर के साथ इसका पुन: डिजाइन किया गया। दुनिया में सबसे ज्यादा लॉगिन किए जाने वाले “ऑरकुट” की संयुक्तराज्य अमेरिका में “फेसबुक” और “माई स्पेस” की तुलना में लोकप्रियता कम है, लेकिन इससे इसकी सेहत पर असर नहीं पड़ता। इसकी लोकप्रियता सबसे ज्यादा ब्राजील और उसके बाद नंबर आता है भारत का। मई 2009 में ब्राजील में ऑरकुट का ट्रैफिक रेट करीब 50 प्रतिशत, भारत में करीब 15 प्रतिशत, अमेरिका में 8.9 प्रतिशत, जापान में 8.8 प्रतिशत, पाकिस्तान में 6.9 प्रतिशत और अन्य देशों में करीब 29.6 प्रतिशत रहा। यह ट्रैफिक रेट बताता है कि ऑरकुट का नशा किसी तरह लोगों पर हावी है।

1 comments:

Himanshu Pandey said...

रोमांच पैदा करने वाली जानकारी है यह तो !
एकदम अछूते थे हम इससे ।
आय का हिसाब तो सच में लगाते नहीं बन रहा है ।