आतंकवादियों के हाथों इंटरनेट के इस्तेमाल से जुड़ी घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि वेब दुनिया के यूजरों को हैकिंग और पहचान की चोरी जैसी धोखाधड़ी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। देश के शहरी इलाकों में ई - मेल और सर्फिंग के अलावा बिलों का भुगतान करने और धनराशि ट्रांसफर करने के लिए भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट पर वित्तीय लेन - देन में जरा सी चूक होने पर आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको आईटी का महारथी होने की जरूरत नहीं है , इसके लिए थोड़ी सूझ - बूझ ही काफी होगी। बिल डेस्क के निदेशक एम . एन श्रीनिवासु का कहना है , ' ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड की जड़ें ऑफलाइन दुनिया में होती हैं। इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए भुगतान की ऑनलाइन सुविधाओं का पूरी सतर्कता के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। '
उदाहरण के लिए ट्रांजैक्शन समाप्त करने पर नेट बैंकिंग खाते से लॉग आउट जरूर करें। यह तब और अहम हो जाता है , जब आप सार्वजनिक कंप्यूटर पर काम करते हों। इसके अलावा आप नीचे बताए जा रहे कुछ उपायों पर अमल कर भी सुरक्षित रह सकते हैं :
सुरक्षित पोर्टलों का इस्तेमाल करें :
ऑनलाइन भुगतान के लिए जिस साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है , वह तकनीकी तौर पर सुरक्षित होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो आपके पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक हो सकती है। आपके आंकड़ों का इस्तेमाल कर फर्जी क्रेडिट कार्ड तैयार किया जा सकता है।
साइट का पता टाइप करते समय जरा सी गलती होने पर आप किसी ऐसी फर्जी साइट पर पहुंच सकते हैं , जो ऐसी ही गलतियों का लाभ उठाने के लिए तैयार की गई है। ट्रांजैक्शन से पहले यह देख लें कि आपने साइट का पता सही टाइप किया है।
लॉ फर्म सेठ असोसिएट्स में पार्टनर कर्णिका सेठ का कहना है , ' ऑनलाइन भुगतान करते समय ऐसे पोर्टलों का इस्तेमाल करना चाहिए , जिन पर विश्वास की ईसील हो और पेपल या सीसीएवेन्यू जैसे जांचे - परखे पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया जाता हो
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